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CBI ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को किया तलब, बीमा स्कैम में पूछताछ करेगी एजेंसी

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक को बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है.

Updated on: 21 Apr 2023, 08:55 PM

नई दिल्ली:

CBI summons to former Jammu and Kashmir Governor Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) को सीबीआई ने समन जारी किया है. सीबीआई ने सत्यपाल मलिक को बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है. पूर्व राज्यपाल मलिक ने खुद इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि सीबीआई मेरी ओर से किए गए रिपोर्ट मामले के संबंध में पूछताछ करना चाहती है. केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने पूर्व राज्यपाल को 27 और 28 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है. हालांकि, जांच एजेंसी की तरफ से इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है. 

पूर्व राज्यपाल को रिश्वत देने की पेशकश
बता दें कि सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में दो प्रोजेक्ट में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था. इसी मामले में सीबीआई ने उन्हें तलब किया है. इस मामले को लेकर पूर्व राज्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइल साइन करने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. राज्यपाल ने इस पेशकश को ठुकरा दिया था. उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय एजेंसी को जानकारी दी थी.   

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दो फाइलों की मंजूरी के लिए 300 करोड़ की पेशकश

दरअसल,सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी. यह पेशकश 'अंबानी' और 'आरएसएस से जुड़े व्यक्ति' की दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था और डील को निरस्त कर दी थी. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उस वक्त पीएम ने उनसे कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कोई समझौता न करें. उनके इस दावे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र से की थी, जिसे अब सरकार ने मंजूर कर लिया है.

ये है पूरा मामला
दरअसल, 2021 में राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि कश्मीर में गवर्नर बनने के बाद उनके पास दो फाइलें आईं. एक अंबानी की फाइल थी और दूसरी आरएसएस से जुड़े शख्स की थी, जो पिछली महबूबा मुफ्ती और बीजेपी की गठबंधन सरकार में मंत्री थे. वह पीएम मोदी के भी बेहद करीबी थे. मुझे सचिवों ने जानकारी  दी कि इसमें घोटाला है और फिर मैंने बारी-बारी से दोनों डील रद्द कर दीं.