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BJP में शामिल हुए BSP सांसद रितेश पांडे, पिछले दिनों PM मोदी के साथ किया था लंच

रितेश पांडे हाल उन सांसदों में शामिल थे, जिन्होंने हाल ही में बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में पीएम मोदी के साथ लंच किया था. लोकसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

Updated on: 25 Feb 2024, 01:52 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडे आज भाजपा में शामिल हो गए. बीजेपी हेडक्वार्टर में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, यूपी प्रभारी बैजयंत पांडा समेत अन्य नेताओं की उपस्थिति में रितेश पांडे ने भाजपा का दामन थामा. पांडे ने आज ही बसपा से इस्तीफ दिया था. रितेश पांडे हाल उन सांसदों में शामिल थे, जिन्होंने हाल ही में बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में पीएम मोदी के साथ लंच किया था. लोकसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी रितेश पांडे को अंबेडकर नगर से मैदान में उतार सकती है. पांडे का इस क्षेत्र में अच्छा खासा दबदबा है. यहां की जनता में उनकी अच्छी पकड़ है. बताते चलें कि रितेश पांडे के पिता राकेश पांडे समाजवादी पार्टी से विधायक हैं.


रितेश पांडे ने अपना इस्तीफा पार्टी सुप्रीमो मायावती को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए भेजा. मायावती को लिखे एक पत्र में उन्होंने लिखा, 'जब मैंने बसपा में शामिल हुआ था तो आपका मार्गदर्शन मिला और पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने खूब सहयोग किया. पार्टी ने मुझे यूपी विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर  दिया और संसदीय दल के नेता के रूप में भी कार्य करने का मौका दिया. इस विश्वास के लिए मैं आपके, पार्टी के और पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के प्रति हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं.'

पत्र में पांडे ने जताई नाराजगी

रितेश पांडे ने मायावती को लिखे पत्र में आगे लिखा, 'लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर कोई संवाद किया जा रहा था. मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट करने के अनगिनत प्रयास किए,  लेकिन कोई हल नहीं निकला. इस दौरान में अपने क्षेत्र में लोगों से और पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार मिलता रहा. फिर मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई जरूरत नहीं है, इसलिए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला भावात्मक रूप से कठिन फैसला है. आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए. मैं आपके और पार्टी के प्रति पुनः आभार व्यक्त करता हूं तथा शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं.'