उप-राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का करेंगे समर्थन
5 अगस्त को देश में उप-राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है और वेंकैया नायडू उप-राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार हैं।
highlights
- उप-राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का देंगे साथ
- पार्टी विधायकों की बैठक में शामिल एक विधायक ने इस बात की पुष्टि की है
नई दिल्ली:
नीतीश कुमार ने बिहार में भले ही बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली हो लेकिन उप-राष्ट्रपति पद के लिए वो विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का ही साथ देंगे।
बता दें कि 5 अगस्त को देश में उप-राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है और वेंकैया नायडू उप-राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार हैं।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश इस मुद्दे पर अपने विचार में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक बकौल नीतीश दो मुद्दों को एक साथ मिलाना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, 'नीतीश जी ने हमेशा कहा है कि पार्टी की बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग भूमिका है। बीजेपी के साथ गठबंधन राज्य की भलाई के लिए किया गया है पर पार्टी ने गांधी को उनकी योग्यता और पहचान के लिए समर्थन दिया है। इसलिए इस फैसले में बदलाव लाने की कोई वजह नहीं है।'
बुधवार को महागठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश ने कहा कि उप-राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी की भूमिका क्या होगी इस बारे में वो फ्लोर टेस्ट के बाद ही सोचेंगे। हालांकि गुरुवार को हुई पार्टी विधायकों की बैठक में शामिल एक विधायक ने ये पुष्टि की है कि वो गोपालकृष्ण गांधी को ही समर्थन देगें।
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बता दें कि इससे पहले नीतीश ने राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था, हालांकि तब वो RJD और कांग्रेस के साथ महागठबंधन का हिस्सा थे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने सभी पार्टी विधायकों को बता दिया है कि उप-राष्ट्रपति पद के लिए वो गोपाल कृष्ण गांधी का ही समर्थन करेंगे।
दूसरी तरफ़ नीतीश कुमार के गोपाल कृष्ण गांधी के साथ मधुर संबंध रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार ने चंपारण आंदोलन के 100 दिन पूरे होने के मौके पर एक कार्यक्रम में भी गोपाल कृष्ण गांधी को बुलाया था।
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ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नीतीश इस मुद्दे को लेकर भी अपने स्टैंड पर उसी तरह कायम रहेंगे जैसे मधुर संबंघ होने की वजह से राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद के लिए कायम रहे।
उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही वोट करते हैं। एनडीए के पास लोकसभा में 340 और राज्यसभा में 85 सांसद हैं। जबकि जेडीयू की लोकसभा में 2 सांसद और राज्यसभा में 10 सांसद हैं। यानी वो 12 सदस्य भी गठबंधन नियम के हिसाब से अब एनडीए का हिस्सा हो गई है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उन्होंने अलग रहने का फैसला किया है।
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