दुश्मनों को नेस्तनाबूद करेगा आईएनएस कवरात्ती, आज होगा नौसेना में शामिल
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस आईएनएस कवरात्ती को बृहस्पतिवार को नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे.
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस आईएनएस कवरात्ती को बृहस्पतिवार को नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे. पोत को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है और इसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया है. नौसेना अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस कवरात्ती में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं.
यह भी पढ़ेंः है तो भारतीय 'संत', मार गिराएगा 10 किमी दूर खड़ा दुश्मन टैंक
स्टील्थ पोत का आखिरी जहाज
कह सकते हैं कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत खुद को चारों तरफ से मजबूत करने में लगा हुआ है. यह प्रोजेक्ट-28 के तहत स्वदेश में निर्मित चार पनडुब्बी रोधी जंगी स्टील्थ पोत में से आखिरी जहाज है. बता दें कि इससे पहले तीन युद्धपोत भारतीय नेवी को सौंपे जा चुके हैं. इस युद्धपोत में इस्तेमाल की गई 90 फीसद चीजें स्वदेशी हैं. यह अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से लैस है. यह समुद्री सुरंगों का पता लगाने और उन्हें विफल करने में सक्षम है.
यह भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के मौके पर PM मोदी देंगे 'शुभेच्छा' संदेश
बढ़ेगी समुद्री ताकत
आईएनएस कवराती के शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत को बढ़ावा मिलेगा. साल 2017 में तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में चार स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर में से तीसरे आईएनएस किल्तान को कमीशन किया था. इस युद्धपोत का नाम केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की राजधानी कवराती के नाम पर रखा गया है. इससे पहले श्रृंखला के तीन युद्धपोतों की आपूर्ति की जा चुकी है जो भारतीय नौसेना के ईस्टर्न फ्लीट का हिस्सा हैं.
यह भी पढ़ेंः इमरान खान का संकट बढ़ा, पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात
- कवरत्ती की खासियतें
पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता के अलावा पोत को एक विश्वसनीय सेल्फ डिफेंस क्षमता से भी लैस किया गया है. यह लंबी दूरी के अभियानों के लिए बेहतरीन मजबूती भी रखता है. - इस पोत में 90 प्रतिशत उपकरण भारतीय हैं.
- इसके सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट का उपयोग किया गया है, जो भारतीय पोत निर्माण के इतिहास में बड़ी सफलता मानी जा रही है.
- ये पोत परमाणु, रासायनिक और जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा.
- आईएनएस कवरत्ती की लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है. ये अत्याधुनिक हथियारों, रॉकेट लॉचर्स, एकीकृत हेलीकॉप्टर्स और सेंसर से लैस है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Fastest Growing Religion In The World: दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है ये धर्म, हर जगह होगा इनका बोलबाला
-
Lo Shu Grid: ऐसे बनाएं अपना लोशु ग्रिड और जानें आपके भाग्य में राजयोग है या नहीं
-
Santoshi Mata ki Aarti: जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं? तो शुक्रवार को पढ़ें मां संतोषी की ये आरती