Agneepath Scheme: पार्लियामेंट्री कंसल्टेटिव कमेटी ऑन डिफेंस की बैठक में विपक्ष ने किया विरोध
बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा डिफेंस सेक्रेटरी, आर्मी चीफ, नेवी चीफ सहित वायु सेना के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे.बैठक में रक्षा मंत्री सहित कुल 12 संसद सदस्यों की मौजूदगी थी जिसमें 6 सासंद विपक्ष से थे.
नई दिल्ली:
अग्निपथ स्कीम को लेकर जारी बवाल सड़कों पर जरूर ठंडा हो गया लेकिन राजनीतिक गलियारों में गरमा गरमी जारी है. संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में पार्लियामेंट्री कंसल्ट्सटेटिव कमेटी ऑन डिफेंस की बैठक में सरकार और सेना की तरफ से विपक्ष को प्रेजेंटेशन दिया गया और स्कीम का मतलब समझाया गया लेकिन विपक्षी नेताओं ने अग्निपथ स्कीम को सिरे से खारिज किया और अपना विरोध भी दर्ज कराया. इस बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा डिफेंस सेक्रेटरी, आर्मी चीफ, नेवी चीफ सहित वायु सेना के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे.बैठक में रक्षा मंत्री सहित कुल 12 संसद सदस्यों की मौजूदगी थी जिसमें 6 सासंद विपक्ष से थे.
विपक्षी सांसदो ने अग्निपथ स्कीम के विरोध में एक मेमोरेंडम भी सौंपा जिसमें प्रमुख बाते कुछ इस प्रकार है:
1.जिन्होंने एग्जाम पास किया उनको अग्निपथ स्कीम के जरिए फिर से भर्ती प्रक्रिया में भेजना उचित नही है .उनको रेगुलर किया जाए.
2. अग्निपथ स्कीम में आ रहे एप्लीकेशन की संख्या स्कीम की सफलता का प्रमाण नहीं है बल्कि देश में बेरोजगारी को दिखाती है.यह स्कीम की विफलता है नही तो और लोग आते.
3. अग्निपथ स्कीम से निकलने वालो के लिए 4 साल बाद सेंट्रल गवर्नमेंट में नौकरी की बात कर रहे है. लेकिन इससे पहले सेना के लिए आरक्षित पदों को कितना भरा गया यह देख लिजिए.इससे साबित होता है की अग्निपथ से निकलकर लोग सड़कों पर आयेंगे.यानी
इससे पहले का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नही है.
4. चार साल की नौकरी में आर्मी की स्ट्रेटेजिक प्वाइंट के बारे में समुचित जानकारी मिल जाएगी.जब बाहर आ जायेंगे, नौकरी नहीं होगी तो फ्रस्ट्रेट होंगे, और ऐसी स्थिति में देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो सकता है.
5. यूक्रेन और रूस के वॉर में यूक्रेन की परमानेंट फोर्स ज्यादा कामयाब दिखी . इसलिए रेगुलर फोर्स कामयाब है.सीडीएस रावत खुद एज बढ़ाने की बात कहते थे.अगर यह निर्णय सेना का है, राजनाथ सिंह का है, तो फौज ने पहले क्यों नहीं बताया, राजनाथ सिंह ने क्यों नहीं बताया.
इस मेमोरेंडम के साथ ही विपक्ष ने मांग की की स्कीम को तत्काल रोक कर इसे कंसल्टेटिव कमेटी में भेजा जाय.साथ ही विपक्षी नेताओं ने ये भी कहा की सरकार अपने स्कीम के बचाव में सेना प्रमुख और सैन्य अधिकारियों का इस्तेमाल ना करे.मीडिया के सामने सेना प्रमुख और अधिकारियों को ना भेजा जाय.
यह भी पढ़ें: Sri Lanka Crisis: सेना नहीं भेजेगा भारत, पड़ोसी की मदद में उठाया ये कदम
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट जहां सरकार का नेतृत्व अपने साथी सांसदों के साथ कर रहे थे वहीं विरोध में उतरे विपक्ष की टीम में शक्ति सिंह गोहिल, सुदीप बंदोपाध्याय, सुप्रिया सुले, रजनी पाटिल, मनीष तिवारी, एडी सिंह और सौगात राय मौजूद थे. बैठक में दिलचस्प बात यह भी रही कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अग्निपथ स्कीम का विरोध तो किया लेकिन विपक्ष के मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर नहीं किया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Fastest Growing Religion In The World: दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है ये धर्म, हर जगह होगा इनका बोलबाला
-
Lo Shu Grid: ऐसे बनाएं अपना लोशु ग्रिड और जानें आपके भाग्य में राजयोग है या नहीं
-
Santoshi Mata ki Aarti: जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं? तो शुक्रवार को पढ़ें मां संतोषी की ये आरती