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यहां लोग रावण की करते हैं पूजा, पुतला दहन से पहले बंद हो जाता है मंदिर

कानपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां रावण की पूजा होती है। दूर-दराज से लोग रावण के दर्शन और पूजन के लिए यहां पहुंचते हैं।

Updated on: 11 Oct 2016, 12:57 PM

कानपुर:

पूरे देश में धूमधाम से दशहरा मनाया जा रहा है। आज विजयदशमी के पर्व पर हर जगह रावण का पुतला फूंका जाएगा। लेकिन कानपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां रावण की पूजा होती है। दूर-दराज से लोग रावण के दर्शन और पूजन के लिए यहां पहुंचते हैं।

जानकारी के मुताबिक, कानपुर के शिवाला इलाके में दशानन मंदिर है। लोगों का कहना है कि इसका निर्माण करीब 125 साल पहले हुआ था। ये मंदिर साल में सिर्फ एक ही बार खुलता है यानी विजयदशमी के दिन पूरे विधि-विधान से रावण की पूजा होती है।

क्यों होती है पूजा

मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां रावण के ज्ञानी स्वरूप की पूजा की जाती है। नाभि में बाण लगने के बाद रावण ने राम के छोटे भाई लक्ष्मण को नीति ज्ञान दिया था। बताया जाता है कि राम ने कहा था कि धरती पर कभी भी रावण जैसे ज्ञानी ने जन्म नहीं लिया।

उमड़ती है भक्तों की भीड़

दशहरे वाले दिन ब्रह्म मुहुर्त में मंदिर के पट खोले जाते हैं। गंगाजल-दूध से रावण की मूर्ति को स्नान कराया जाता है। फूलों से श्रृंगार करने के बाद रावण की आरती और स्तुति होती है। शाम को मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और अगले दशहरा को ही मंदिर खोला जाता है।

कहां-कहां हैं रावण का मंदिर

रावण का मंदिर कानपुर के अलावा इंदौर, मंदसौर, विदिशा, महेश्वर, उज्जैन और छिंदवाड़ा में भी है। वहीं, मंदसौर में ज्यादातर जगहों पर रावण के पुतले का दहन नहीं होता है।