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पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर छाया रहेंगा H1B वीजा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे

मोदी ट्रंप के बीच H1B वीजा, आतंकवाद, रणनीतिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। हाल ही में अमेरिका और भारत के बीच H1B वीजा, जलवायु परिवर्तन जैसे कई मुद्दों पर मतभेद सामने आए हैं।

Updated on: 22 Jun 2017, 08:41 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते 24 जून को अमेरिका दौरे पर जाएंगे। जहां 26 जून को पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात होगी। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी का यह पहला दौरा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी 26 जून को दोपहर बाद ट्रंप से मुलाकात करेंगे, जिसमें उनका ध्यान दोनों देशों के आपसी फायदे के लिए आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर होगा।

मोदी ट्रंप के बीच H1B वीजा, आतंकवाद, रणनीतिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। हाल ही में अमेरिका और भारत के बीच H1B वीजा, जलवायु परिवर्तन जैसे कई मुद्दों पर मतभेद सामने आए हैं। इस बीच ट्रंप और पीएम मोदी के बीच मुलाकात होगी।

बागले ने कहा कि एजेंडे में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा, 'हमारी पाकिस्तान से पैदा होने वाली आतंकवाद की चिंता के बारे में सभी को पता है। वहां से पैदा होने वाला आतंकवाद न सिर्फ भारत बल्कि बहुत से दूसरे देशों को प्रभावित करता है।'

उद्योग जगत के दिग्गजों से होगी मुलाकात

पीएम मोदी रविवार 25 जून को वॉल-मार्ट, एपल और कैटरपिलर जैसी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। जहां मेक इन इंडिया के तहत भारत में निवेश पर जोर होगा।

उद्योग जगत के एक दिग्गज ने कहा कि वॉशिंगटन में प्रधानमंत्री और करीब 20 शीर्ष अमेरिकी मुख्य कार्यकारियों के बीच विचार विमर्श मुख्य रूप से रोजगार पर केंद्रित रहेगा।

समझा जाता है कि बैठक में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र, नोटबंदी के बाद बनी आर्थिक स्थिति, अगले महीने लागू होने वाले जीएसटी से होने वाले संभावित लाभों पर चर्चा होगी।

आईटी सेक्टर के मुख्य कार्यकारियों के साथ बैठक में नए वीजा अंकुशों के प्रभाव पर भी बातचीत होगी।

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उद्योग जगत के एक दिग्गज ने कहा कि वॉशिंगटन में प्रधानमंत्री और करीब 20 शीर्ष अमेरिकी मुख्य कार्यकारियों के बीच विचार विमर्श मुख्य रूप से रोजगार पर केंद्रित रहेगा।

सरकार रोजगार के मोर्चे पर काफी ध्यान दे रही है। ऐसा अनुमान है कि सालाना आधार पर 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों से 30 से 40 प्रतिशत सिर्फ खुदरा क्षेत्र में पैदा होंगे।
(इनपुट PTI से भी)