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तीन तलाक पर SC के फैसले को शायरा बानो ने बताया ऐतिहासिक दिन

तीन तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने इस फैसले का स्वागत करते हु कहा है कि, 'फैसले का स्वागत करती हूं। मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है।'

Updated on: 22 Aug 2017, 02:08 PM

नई दिल्ली:

तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरकार आ ही गया। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यीय पीठ में से 3/2 की मेजोरिटी के साथ तीन तलाक को ख़त्म किया।

तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया। सुप्रीम कोर्ट के 5 सदस्यीय पीठ में जस्टिस कुरियन जोसफ, आरएफ नरीमन, यूयू ललित ने तीन तलाक को रद्द कर दिया है जबकि जस्टिस खेहर और अब्दुल नज़ीर ने इस मुद्दे को संसद पर छोड़ दिया है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की को बरकरार रखने की बात कही थी। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा था कि तीन तलाक पर केंद्र सरकार कानून बनाएं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत पर 6 महीने के लिए रोक लगा दी थी।

वकील सैफ महमूद ने बताया कि, 'चीफ जस्टिस ने कहा कि व्यक्तिगत कानून के मामलों को संवैधानिक न्यायालय कानून या संवैधानिकता से परीक्षण नहीं किया जा सकता' उन्होंने बताया कि जस्टिस कुरियन ने कहा है कि तीन तलाक इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं है और इसे अनुच्छेद 25 के तहत कोई मदद न मिलने की बात कहते हुए रद्द करने की बात कही है।

सैफ महमूद ने बताया कि, 'जस्टिस नरीमन ने तीन तलाक को 1934 एक्ट का हिस्सा है जिसे हमेशा संवैधानिकता पर जांचना चाहिए। उन्होंने इसे असंवैधानिक करार दिया है।'

वहीं, तीन तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने इस फैसले का स्वागत करते हु कहा है कि, 'फैसले का स्वागत करती हूं। मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है।'

वहीं लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शायस्ता अंबर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पर जश्न मनाती हुईं।  

महिला एंव बाल विकास कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'यह एक अच्छा फैसला है और लिंग समानता की दिशा में एक कदम और आगे जाकर फैसला लिया है।' 

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, 'मैं संतुष्टि के साथ कह सकता हूं कि यह मेरे पद छोड़ने से पहले यह आख़िरी केस था।'