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हामिद अंसारी 'सुरक्षित देश' जाएं, तकलीफ में रहना ठीक नहीं: आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार

इंद्रेश कुमार से हामिद अंसारी के 'मुस्लिम सुरक्षित नहीं है' वाले बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिसके बाद उन्होंने ऐसा कहा।

Updated on: 13 Aug 2017, 11:40 PM

highlights

  • पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमला बोलते हुए कहा है कि वो उस देश चले जाएं जहां वो 'सुरक्षित महसूस' करते हैं
  • इंद्रेश कुमार ने कहा, 'दुर्भाग्य से हामिद के उस बयान का किसी कोने से भी समर्थन नहीं हुआ
  • अंसारी पहले भारतीय थे लेकिन अब वो सांप्रदायिक हो गए हैं

नई दिल्ली:

आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमला बोलते हुए कहा है कि वो उस देश चले जाएं जहां वो 'सुरक्षित महसूस' करते हैं।

नागपुर में रक्षा बंधन के बाद आयोजित राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के एक प्रोगाम में 'मार्गदर्शक' के तौर पर आए इंद्रेश कुमार से हामिद अंसारी के 'मुस्लिम सुरक्षित नहीं है' वाले बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी। जिसके बाद उन्होंने ऐसा कहा।

इंद्रेश कुमार ने कहा, 'दुर्भाग्य से हामिद के उस बयान का किसी कोने से भी समर्थन नहीं हुआ। यहां तक की मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी उनके इस बयान का विरोध किया है। वो पिछले 10 सालों से जब तक कुर्सी पर थे सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) थे लेकिन अब वो कट्टरपंथी मुस्लिम हो गए हैं।'

उन्होंने कहा, 'अंसारी पहले भारतीय थे लेकिन अब वो सांप्रदायिक हो गए हैं। पहले वो सभी पार्टी के नेता थे लेकिन अब वो कांग्रेस के आदमी हो गए हैं। पिछले 10 सालों तक वो असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे। उन्हें ये भी बताना चाहिए था कि पूरे विश्व में वो कौन सी जगह है जो मुस्लिमों के लिए सुरक्षित है। मुझे लगता है कि अंसारी को तकलीफ में नहीं रहना चाहिए और जहां वो सुरक्षित महसूस करें वहां चले जाना चाहिए।'

कार्यकाल के आखिरी दिन बोले अंसारी- लोकतंत्र की पहचान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से है

देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने विदाई समारोह के दौरान स्पीच देते हुए देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। हामिद अंसारी ने कहा था कि किसी भी लोकतंत्र की पहचान इससे होती है कि उसमें अल्पसंख्यकों को कितनी सुरक्षा मिली है।

अंसारी ने कहा, 'मैंने 2012 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के हवाले से कुछ कहा था। मैं आज उनके शब्दों को फिर से कोट करना चाहता हूं, किसी लोकतंत्र की पहचान इस बात से होती है कि उसमें अल्पसंख्यकों को कितनी सुरक्षा मिली हुई है।'

अंसारी ने आगे कहा, 'लोकतंत्र में विपक्षी समूहों को स्वतंत्र होकर और खुलकर सरकार की नीतियों की आलोचना करने की इजाजत न हो तो वह अत्याचार में बदल जाती है।'

हालांकि हामिद अंसारी के इस बयान को लेकर सोशल साइट्स और बीजेपी समेत कई हिन्दू समर्थक नेताओं ने काफी माखौल उड़ाया था।

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