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लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बाद जर्मनी में 'बुर्का बैन' को सरकार की मंजूरी

जर्मनी सरकार ने बढ़ते आतंकवादी हमलों की घटनाओं के मद्देनज़र मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्के पर आंशिक प्रतिबंद्ध लगा दिया है। बता दें कि जर्मनी के बर्लिन में हाल ही में एक क्रिसमस मार्केट में एक ट्रक में सवार आतंकी ने सड़क पर चल रहे 12 लोगों को मार डाला था।

Updated on: 28 Apr 2017, 09:58 AM

नई दिल्ली:

जर्मनी सरकार ने बढ़ते आतंकवादी हमलों की घटनाओं के मद्देनज़र बुर्के पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि जर्मनी के बर्लिन में हाल ही में एक क्रिसमस मार्केट में एक ट्रक में सवार आतंकी ने सड़क पर चल रहे 12 लोगों को कुचल कर मार डाला था।

लगातार हो रहे आतंकी हमलों की वजह से जर्मनी में बुर्कों पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही थी। हालांकि फिलहाल जर्मनी सरकार ने इस पर आंशिक प्रतिबंध ही लगाया है। नए नियमों के मुताबिक ड्यूटी पर मौजूद चुना अधिकारी, सेना और न्यायायिक कर्मियों समेत सभी सरकारी अधिकारियों पर लागू होगा 

इस प्रतिबंध में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को छूट दी गई है। हेल्थ कर्मी इंफेक्शन से खुद को बचाने और पुलिस अधिकारी अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना मुंह ढक सकते हैं। जबकि बाकी लोगों को पहचान की जांच के समय अपने चेहरे पर से पर्दा उठाना होगा। 

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जर्मनी के निचले सदन में पारित इस कानून में लिखा है, 'राज्य का कर्तव्य है कि खुद को वैचारिक और धार्मिक तौर पर निष्पक्ष तरीके से पेश करे।' बता दें कि साल 2015 से जर्मनी ने करीब 10 लाख शरणार्थियों को शरण दी है। इनमें से ज़्यादातर मुस्लिम देशों से आए लोग है।

जर्मनी की राइट विंग पार्टी का आरोप है कि बड़ी संख्या में देश में शरणार्थियों का आना आतंकवाद की वजह बना है। इसी के चलते पिछले कुछ समय से जर्मनी में बुर्के पर पाबंदी की मांग की जा रही थी। सुरक्षा के लिए इसे बेहद अहम माना जा रहा था। इस पर अब देश की सरकार ने आंशिक प्रतिबंद्ध लगा दिया है।

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इसके अलावा सरकार ने सुरक्षा के कई और उपायों को भी अपनी मंजूदी है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक ऐंकल ब्रेसलेट्स के इस्तेमाल को शामिल करना जैसे फैसला शामिल है। यह एक ऐसी डिवाइस है जो संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल की जाती है। देश की सुरक्षा के लिए शक के दायरे में आए लोगों पर जज की मंजूरी के बाद इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके अलावा जर्मनी के बाहर आने-जाने लोगों पर भी पुलिस कड़ी निगाह रखेगी। इसके लिए पुलिस एक डेटा भी तैयार करेगी। वहीं पुलिस, आपातकालीन सेवाएं और सेना के जवानों पर हमला करने वाले मामलों में कठोर सजा देने को भी मंजूरी दी गई है।

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