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2019 चुनाव से पहले VVPAT तकनीक के लिए EC ने मांगे तीन हजार करोड़ रुपये, EVM विवाद के बाद उठाया कदम

ईवीएम से छेड़छाड़ पर उठे विवाद के बाद चुनाव आयोग ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में vvpat ट्रायल के लिए केंद सरकार से 3 हजार 174 करोड़ का फंड मांगा है

Updated on: 17 Apr 2017, 10:19 AM

highlights

  • ईवीएम में VVPAT तकनीक के इस्तेमाल के लिए चुनाव आयोग ने मांगे 3174 करोड़ रुपये
  • ईवीएम छेड़छाड़ को लेकर राजनीतिक पार्टियों के सवाल उठाए जाने के बाद हरकत में आया आयोग

नई दिल्ली:

ईवीएम से छेड़छाड़ पर उठे विवाद के बाद चुनाव आयोग ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में vvpat ट्रायल के लिए केंद सरकार से 3 हजार 174 करोड़ का फंड मांगा है। कानून मंत्रालय को रिमाइंडर भेज कर चुनाव आयोग ने ये मांग की है।

वीवीपीएटी वो तकनीक होती है जिसके तहत ईवीएम से वोट देने पर कागज की पर्ची निकलती है। उसपर लिखा होता है किस पार्टी को वोट दिया गया। चुनाव आयोग 2019 में नई तकनीक के मशीनों से चुनाव करवाना चाहता है।

इसके लिए 18 मार्च को चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त नसीम जैदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा गया है कि वीवीपीएटी तकनीक से लैस नए ईवीएम का बिना देरी किए ऑर्डर देने के लिए बड़ी रकम की जरूरत होगी ताकि 2018 तक चुनाव आयोग को ये ईवीएम मिल जाएं।

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चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि चुनाव आयोग भविष्य में होने वाले हर चुनाव में वीवीपीएटी से लैस मशीन और चुनावी प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिेए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, आरजेडी से लेकर कांग्रेस तक ईवीएम छेड़छाड़ का मुद्दा उठा चुकी है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की हार के बाद केजरीवाल ने ईवीएम छेड़छाड़ पर चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र तक करार दे दिया था।

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