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नीतीश के खिलाफ लड़ाई में शरद यादव को झटका, चुनाव आयोग ने जेडीयू चुनाव चिह्न पर दावे को किया खारिज

जेडीयू के शरद यादव गुट को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को पार्टी चिह्न (तीर) पर राज्यसभा सांसद यादव के दावे को खारिज कर दिया।

Updated on: 12 Sep 2017, 10:23 PM

highlights

  • चुनाव आयोग ने जेडीयू चुनाव चिह्न पर शरद यादव के दावे को किया खारिज
  • पिछले दिनों नीतीश कुमार ने गुट ने भी शरद यादव के खिलाफ जाकर चुनाव चिह्न पर किया था दावा
  • बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से नीतीश कुमार से नाराज हैं शरद यादव

नई दिल्ली:

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के शरद यादव गुट को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को पार्टी चिह्न (तीर) पर राज्यसभा सांसद यादव के दावे को खारिज कर दिया।

चुनाव आयोग ने चिह्न पर दावे से संबंधित जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किये जाने के आधार पर शरद यादव के दावे को खारिज किया है।

8 सितंबर को जेडीयू का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग (ईसी) से मिला था और पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा ठोंकते हुए कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के पास इस चिन्ह पर दावा जताने का कोई आधार नहीं है।

जेडीयू महासचिव संजय झा ने कहा था, 'हमने बिहार के हमारे 71 विधायकों तथा 30 विधान पार्षदों का शपथपत्र दाखिल किया है। साथ ही दो लोकसभा सांसदों और 7 राज्यसभा सांसदों का भी शपथपत्र दाखिल किया है। इन सभी ने हलफनामे में (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार के प्रति समर्थन जताया है।'

आपको बता दें की बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं।

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव पर पार्टी कई कार्रवाई कर चुकी है। हालांकि उन्हें पार्टी से निकाला नहीं गया है। जेडीयू ने राज्यसभा में पार्टी नेता के तौर पर शरद यादव को हटा दिया है।

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जेडीयू का कहना है कि शरद यादव ने खुद से पार्टी छोड़ दी है और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए हैं। शरद यादव नीतीश कुमार के धुर-विरोधी लालू प्रसाद यादव की पटना में हुई रैली में भी शिरकत कर चुके हैं।