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बिहार: लश्कर-ए -तैयबा के आतंकी के साथ कथित तौर पर रिश्ता होने पर जिला परिवहन अधिकारी तलब

बिहार के एक जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) को पिछले महीने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किए लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के संदिग्ध आतंकी अब्दुल नईम शेख के साथ कथित तौर पर रिश्ता होने के आरोप में तलब किया है।

Updated on: 10 Dec 2017, 06:43 PM

highlights

  • जिला परिवहन अधिकारी को आतंकी नईम शेख के साथ कथित तौर पर रिश्ता होने के आरोप में तलब किया
  • शेख औरंगाबाद हथियारों की तस्करी मामले में भी आरोपी हौ
  • 2014 में शेख केंद्रीय एजेंसियों की हिरासत से फरार होने के बाद नाम बदलकर गोपालगंज में छिपा हुआ था

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार के एक जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) को पिछले माह उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किए लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के संदिग्ध आतंकी अब्दुल नईम शेख के साथ कथित तौर पर रिश्ता होने के आरोप में तलब किया है। एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी। 

एनआईए ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान में 28 नवंबर को लखनऊ के चारबाग बस स्टैंड से शेख उर्फ नोमी (37) को गिरफ्तार किया था।

नाम न छापने की शर्त पर एनआईए के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने एक डीटीओ अधिकारी को तलब किया है जिसकी पहचान दिवाकर झा के रूप में हुई है। अधिकारी बिहार के बक्सर जिले में तैनात है। झा से शेख के साथ कथित रिश्तों को लेकर पूछताछ की जाएगी।

एनआईए के अधिकारी के मुताबिक, झा ने 2015 में बिहार के गोपालगंज जिले स्थित शेख के एक कोचिंग केंद्र का उद्घाटन किया था। इस दौरान झा उसे जिले में तैनात थे।

अधिकारी ने कहा कि आतंक रोधी जांच एजेंसी ने झा की शेख के साथ कुछ तस्वीरें बरामद की हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि शेख ने जम्मू एवं कश्मीर में सेना और ऊर्जा प्रतिष्ठानों की रेकी की थी। उसे दूसरे नाम से पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के बाद पकड़ा गया था।

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एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने शेख को एक गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा था। दरअसल एक शख्स ने शिकायत की थी कि पासपोर्ट के लिए आवेदन पर दिया गया पता उसका है और एलईटी आतंकी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, 'उसने सराज अहमद के पते पर पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। अहमद, गोपालगंज के जंगलिया इलाके के वार्ड संख्या 19 के निवासी हैं।'

अधिकारी ने कहा, 'लेकिन, इससे पहले कि वह अपना पासपोर्ट प्राप्त करता, अहमद ने पुलिस से संपर्क किया और इसके बारे में शिकायत की।'

एनआईए अधिकारी ने कहा, 'उसने अपना पैन कार्ड और आधार कार्ड प्राप्त कर लिया था, जो शेख सोहेल खान के नाम पर उसी पते पर जारी किए गए थे।' 

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, 'शेख मार्च 2017 तक गोपालगंज में रहा।'

अगस्त 2014 में शेख केंद्रीय एजेंसियों की हिरासत से फरार होने के बाद नाम बदलकर बिहार के गोपालगंज जिले में छिपा हुआ था।

सुरक्षा एजेंसियों को लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध की 2006-2007 के मुंबई ट्रेन हमले सहित विभिन्न मामलों में तलाश थी।

सुरक्षा एजेंसियों ने उस समय उसे गिरफ्तार किया था और हिरासत में रखा था। अगस्त 2014 में वह सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने में कामयाब रहा था।

शेख को पेशी के लिए दमदम सेंट्रल जेल (कोलकाता) से मुंबई लाया जा रहा था जैसे ही ट्रेन छत्तीसगढ़ के घने जंगलों से गुजरी, वह मौका पाकर वहां से भाग निकला।

अधिकारी ने कहा कि हिरासत से भागने के बाद, शेख ने अपने एलईटी हैंडलर अमजद के दिशनिर्देशों से एक नया स्लीपर सेल तैयार किया।

इसके बाद मामले को आगे की जांच के लिए एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया।

एनआईए ने दो दिसंबर को गोपालगंज के एक युवा नेता धन्नु राजा को शेख के साथ कथित रिश्तों को लेकर गिरफ्तार किया था।

शेख औरंगाबाद हथियारों की तस्करी मामले में भी आरोपी है और उसे 2007 में पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था जब वह दो पाकिस्तानियों और एक कश्मीरी के साथ बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुआ था।

सुरक्षा एजेंसियों ने शेख को 'डेविड कोलमैन हेडली' करार दिया है क्योंकि वह उसी के नक्शे कदम पर चल रहा था और हेडली की तरह ही उसने कई क्षेत्रों की जासूसी की थी।

पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली 26/11 के मुंबई आतंकी हमले मामले में अमेरिका में 35 साल की सजा काट रहा है।

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