बेंगलुरुः आधार कार्ड के कारण अपने-अपने परिजनों से मिले तीन लोग
आधार कार्ड की वजह से तीन अलग-अलग बच्चे अपने परिवार वालों से मिल पाए हैं।
नई दिल्ली:
आधार कार्ड की वजह से तीन अलग-अलग बच्चे अपने परिवार वालों से मिल पाए हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ साल से अपने परिवार से बिछड़े मोनू, नीलकंठ और ओम प्रकाश अपने परिवारवालो से मिल पाए।
दरअसल तीन साल पहले मोनू बेंगलुरु के रेलवे स्टेशन पर एक भटका हुआ मिला था जिसे एक एक समाज सेवी संस्था को सौंप दिया गया था। नीलकंठ और ओम प्रकाश भी करीब एक साल पहले भटक गया था। जिसे समाज सेवी संस्था को सौंप दिया गया था।
बेंगलुरु की चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी दिव्या नारायनप्पा की मानें तो, 'पिछले महीने जब आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकारी पहुंचे तो इन तीन बच्चों के फिंगर प्रिंट्स आधार वेबसाइट पर मिले और जब आगे की जांच हुई तो इनके परिवारवालो का पता चल गया कि ये सभी बच्चे कहां के रहने वाले हैं।'
मोनू इंदौर का रहने वाला है। मोनब के पिता ने बताया कि अचानक उन्हें फोन आया कि उनका बेटा बेंगलुरु में है। उन्होंने बताया कि वे अपने बेटे को लेकर उम्मीद छोड़ चुके थे।
वहीं ओमप्रकाश एक साल पहले उत्तर प्रदेश में खो गया था। ओमप्रकाश झारखंड का रहने वाला है। वहीं चितुर के नीलकंठ भी आधार कार्ड की वजह से अपनी माँ से मिल पाया।
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