विश्व स्तनपान सप्ताह: शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान, टीके जितना असरदार
मां का दूध नवजात के लिए अमृत समान होता है। ये न सिर्फ नवजात को बीमारियों से बचता है बल्कि मां का दूध बच्चे की प्रशधि क्षमता में उसी तरीके से बढ़ोतरी करता है।
नई दिल्ली:
मां का दूध नवजात के लिए अमृत समान होता है। ये न सिर्फ नवजात को बीमारियों से बचता है बल्कि मां का दूध बच्चे की प्रशधि क्षमता में उसी तरीके से बढ़ोतरी करता है जिस प्रकार टीबी जैसे रोगों के खिलाफ टीकाकरण करता है।
अमेरिका के कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के रिवरसाइड स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर और रिसर्चर अमीए वॉकर का कहना है, 'कुछ टीके नवजात को लगाने के लिए सुरक्षित नहीं होते और कुछ उतने सही तरीके से असरदार भी नहीं होते हैं।'
वॉकर ने बताया कि , 'इसकी बजाए अगर हम मां का गर्भावस्था से ठीक पहले टीकाकरण करें या टीकाकरण को प्रभावी बनाएं तो स्तनपान के दौरान प्रतिरक्षी कोशिकाएं बच्चे के शरीर में पहुंच कर उसे बीमारियों से शुरू में ही ज्यादा सुरक्षित बनाती हैं।'
और पढ़ें: विश्व स्तनपान सप्ताह: समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए फायदेमंद मां का दूध
शोधकर्ताओं ने टीबी को लेकर चूहों पर यह रिसर्च किया। नवजात को अगर टीबी रोग के खिलाफ टीका लगाया जाए तो वह ज्यादा असरदार नहीं होता है।
वॉकर का कहना है, 'हमें उम्मीद है कि मां का टीकाकरण करने से नवजात की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकते हैं। हालांकि अभी इसका सिर्फ क्लिनिकल ट्रायल ही हुआ है और इसे मनुष्यों पर जांच करना बाकी है कि यह काम करता है या नहीं।'
It's #worldbreastfeedingweek!
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) August 1, 2017
WHO recommends exclusive #breastfeeding starting within 1 hour after birth until a #baby is 6 months old. pic.twitter.com/IxUu6Ba7oP
विश्व स्वास्थ्य संगठन- शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराना चाहिए।
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मां का दूध नवजात शिशुओं को बीमारियों से दूर रखने में मददगार होता है लेकिन देश में कुछ नवजात शिशुओं को मां का दूध नसीब नहीं होता। जन्म के एक घंटे के अंदर मिलने वाला मां का दूध बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हर पांच में से तीन माताएं ही अपने नवजात शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराती हैं। हर साल तकरीबन 33 लाख नवजात अपनी मां का दूध नसीब नहीं हो पता है।
Babies & mothers worldwide failed by lack of investment in #breastfeeding @unicefmedia https://t.co/6KknT3Jxhc @WHO #WBW2017 pic.twitter.com/F3eM5OTpzf
— UNICEF (@UNICEF) August 1, 2017
सर्वे में खुलासा हुआ है कि केवल 41 फीसदी नवजात ही छह हफ्ते तक मां के दूध का सेवन कर पाते हैं। पिछले सर्वे से अब तक स्तनपान में 10 फीसदी की गिरावट देखने में आई है।
स्तनपान कराने में शहरों के मुकाबले गांवों की स्थिति ज्यादा बेहतर है। शहरों में महज 35 फीसदी महिलाएं ही स्तनपान करवाती हैं जबकि गांवों में यह 43 प्रतिशत है।
Breast milk is the ideal food for infants. It is safe, clean, contains antibodies which help protect against many common childhood illnesses pic.twitter.com/crYj5BkAZ1
— WHO (@WHO) August 2, 2017
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