दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट या हार्ट बर्न: जानिए क्या है इनके लक्षण और इलाज
सीने में किसी भी प्रकार के दर्द को अक्सर हम हार्ट अटैक समझ लेते है। लेकिन ऐसा नहीं होता है।
नई दिल्ली:
सीने में किसी भी प्रकार के दर्द को अक्सर हम हार्ट अटैक समझ लेते है। लेकिन ऐसा नहीं होता है। सीने से जुड़े सभी दर्द के लक्षण हार्ट अटैक नहीं बल्कि हार्ट बर्न या कार्डियक अटैक भी हो सकते है। हार्ट अटैक सर्कुलेटरी समस्या है जबकि कार्डियक अटैक, इलेक्ट्रिक कंडक्शन की गड़बड़ी से होता है।
वहीं हार्ट बर्न दिल से जुडा नहीं होता है। इसमें एसिड इनडाइजेशन के कारण सीने में दर्द होने लगता है जिसे लोग हार्ट अटैक से जोड़ देते है। आज में हम आपको हार्ट अटैक, कार्डियक अटैक और हार्ट बर्न तीनों के लक्षण और कारणों के बारे में बता रहे है:-
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हार्ट अटैक
हार्ट अटैक सर्कुलेटरी समस्या है। इसमें दिल से जुड़ी धमनियों सिकुड़ जाती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है।, जिससे दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं। इसे मायोकार्डियल इन्फार्क्शन या कोरोनरी थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं।
लक्षण: सीने के बीच में बेचैनी, बेवजह की थकान लगना, लंबे समय से सर्दी-जुखाम की समस्या होना, शरीर में सूजन आदि होना हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण होते है। इसके अलावा मोटापा, डायबिटीज, और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजो को भी हार्ट अटैक आने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
इलाज: धमनियों में आए इस तरह आए ब्लॉकेज को दूर करने के लिए कई तरह के उपचार किए जाते हैं, जिनमें एंजियोप्लास्टी, स्टंटिंग और सर्जरी शामिल हैं, और कोशिश होती है कि दिल तक खून पहुंचना जारी हो जाए।
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कार्डियक अरेस्ट
कार्डियक अरेस्ट में दिल का ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है। दिल के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा हो जाने के कारण का असर हार्ट बीट पर पड़ता है। ब्लड में फाइब्रिनोजन की मात्रा ज्यादा हो जाने पर भी सर्कुलेशन पर इसका बुरा असर पड़ता है। कार्डियक अरेस्ट में कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।
लक्षण: कार्डियक अरेस्ट वैसे तो अचानक ही आता है। हालांकि जिन्हें दिल की बीमारी होती है उनमें कार्डियक अरेस्ट की आशंका ज्यादा होती है। हालांकि कभी-कभी कार्डियक अरेस्ट से पहले छाती में दर्द, साँसों की कमी, पल्पीटेशन, चक्कर आना, बेहोशी, थकान और ब्लैकआउट जैसे संकेत मिलते है।
इलाज: कार्डियक अरेस्ट के इलाज के लिए मरीज को कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (सीपीआर) दिया जाता है, जिससे उसकी उसकी हार्ट बीट को रेगुलर किया जा सके। इसके रोगियो को 'डिफाइब्रिलेटर' से बिजली का झटका देकर हार्ट बीट को रेगुलर करने की कोशिश की जाती है।
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हार्ट बर्न
हार्ट बर्न एक सामान्य बीमारी होती है। इसमें एसिड पेट से निकलकर भोजन की नली में पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में कई बार सीने में तेज दर्द उटने लगता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। इसका इलाज खानपान में सुधार और एंटी-एसिड दवाईयों के सेवन से ठीक किया जा सकता है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट युक्त पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इसके अलावा धुम्रपान और शराब नहीं करना चाहिए। एक्सरसाइज रोजाना करना चाहिए।
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