PM मोदी के करीबी नेता नरेंद्र सिंह तोमर की सीट पर है दिलचस्प मुकाबला, जानें कैसा है इनका सियासी करियर
तोमर का मुकाबला कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर से है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के ऐलान के बाद से मुकाबला और रोचक हो गया. लिहाजा मुरैना की दिमनी सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. यह सीट पूरे प्रदेश में चर्चा का केंद्र बनी हुई है.
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस बार मध्य प्रदेश के चुनाव मैदान में उतरे हैं. उनके चुनावी रण में आने से यह चुनाव बेहद दिलचस्प हो चला है. वह मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. तोमर उन मंत्रियों में से हैं जो नरेंद्र मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में मंत्री हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बहुत से मंत्रियों का पत्ता साफ हुआ, लेकिन सियासी पकड़ और जमीनी नेता होने के नाते वो मोदी सरकार में दूसरी बार भी मंत्री बने. अब पार्टी ने उन्हें दिमनी सीट से टिकट दिया है. तोमर का मुकाबला कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर से है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के ऐलान के बाद से मुकाबला और रोचक हो गया. लिहाजा मुरैना की दिमनी सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. यह सीट पूरे प्रदेश में चर्चा का केंद्र बनी हुई है.
1983 में ग्वालियर नगर निगम के पार्षद चुने गए
मुरैना जिले में पोरसा विकासखंड के ओरेठी गांव में मुंशी सिंह तोमर के बेटे नरेंद्र सिंह का जन्म 12 जून 1957 को तोमर क्षत्रिय परिवार में हुआ था. उन्होंने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की. वे इस दौरान महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे.नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय जनता पार्टी की यूथ विंग से 80 के दशक में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. 1980 से 1984 तक वह बीजेपी यूथ विंग BJYM की ग्वालियर यूनिट के प्रमुख रहे. 1983 में वो ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर निर्वाचित हुए. इसके बाद वे पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय रहे. 1998 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा. 2003 से 2007 तक मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार में मंत्री भी रहे. इसके बाद 2012 में वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बने. नरेंद्र सिंह तोमर 2009 में निर्विरोध राज्यसभा सांसद भी चुने गए. इसके बाद में वे पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री पद पर रहे.
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मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं तोमर
2009 में मुरैना सीट से पहली बार वो लोकसभा सदस्य चुने गए और 2014 में ग्वालियर सीट जीतने के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिली. इस दौरान, उन्होंने खदान, इस्पात, लेबर, रोजगार और ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं पंचायती राज जैसे मंत्रालयों में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालीं. 2019 में वो फिर से मुरैना सीट से बड़ी मतों से जीत हासिल की. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कृषि, किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री मंत्री बनाया गया. पर पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में दिमनी विधानसभा सीट से उन्हें मैदान में उतारा.
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