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MP Election: मध्य प्रदेश का बाजीगर कौन? बीजेपी या कांग्रेस... यहां समझिए सारा सियासी गुणा-भाग

मध्य प्रदेश के साल 2023 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना है, मसलन देश की दोनों ही दिग्गज पार्टियां मध्यप्रदेश के रण में अपनी सियासी रसूख को बरकरार रखने की अथक प्रयास में रहेगी.

Updated on: 03 Dec 2023, 06:30 AM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश का बाजीगर कौन? इस सियासी सवाल का फैसला आज मिल जाएगा. मगर इससे पहले शह और मात के इस खेल में राज्य की राजगद्दी पर कौन काबिज होगा इसे लेकर कई दावे किए जा रहे हैं. जहां एक तरफ सत्ताधारी भाजपा एक बार फिर इस सियासी मुकाबले में जीत की ताल ठोक रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस बड़े अंतर के साथ, भाजपा को मात देने का दावा कर रही है. ऐसे में इस खिताबी मुकाबले से सत्ता के शिखर तक कौन सफर तय करेगा, ये अभी भी एक बड़ा सवाल है. मगर इस आर्टिकल में हम आपको राज्य की सियासत से जुड़े कुछ ऐसे चुनावी गुणा-भाग बताने जा रहे हैं, जो मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तस्वीर को काफी हद तक साफ कर देगा...

गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश के साल 2023 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. मसलन देश की दोनों ही दिग्गज पार्टियां मध्यप्रदेश के रण में अपनी सियासी रसूख को बरकरार रखने की अथक प्रयास में रहेगी. प्रदेश में जहां एक तरफ कांग्रेस, सीधा शिखर पर निशाना साधेगी, वहीं दूसरी और भाजपा अपनी शाही गद्दी को बचाए रखने के लिए लड़ेगी. ऐसे में चलिए चार मुख्य बिंदु में हम इस चुनावी को बारीकी से समझते हैं.

कितनी सीटें.. कितने उम्मीदवार.. राज्य का पूरा चुनावी विश्लेषण 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं, जिसपर ज्यादतर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा का आमने-सामने का मुकाबला होने वाला है. हालांकि इस चुनाव में मतदान पिछले बार की तुलना में 1.52 प्रतिशत ज्यादा हुआ है, मसलन इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ है. वहीं अगर मत प्रतिशत की बात करें तो, राज्य में कुल पुरुष मतदाताओं में से 78.21 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि कुल पात्र महिलाओं में से 76.03 प्रतिशत वोट दिए. 

वोट शेयर भी सामने आए...

इस चुनाव में अगर वोट शेयर की बात की जाए तो, भाजपा का जहां 42 फीसदी वोट शेयर है, वहीं कांग्रेस का 44 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. हालांकि मुकाबले में अलग तस्वीर भी देखने को मिल सकती है. वहीं इस चुनाव में अन्य का वोट शेयर 14 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है. ऐसे में अगर आंकड़े सटीक बैठे, तो राज्य में एक बार फिर सियासी घमासान देखने को मिल सकती है.