गुजरात: उना में दलितों के साथ अत्याचार 'छोटी घटना'- राम विलास पासवान
देश के कद्दावर दलित नेता राम विलास पासवान ने गुजरात के उना में दलितों पर हुए अत्यचार की घटना को 'छोटी घटना' बताया है।
नई दिल्ली:
देश के कद्दावर दलित नेता और उपभोक्ता खाद्य वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने गुजरात के उना में दलितों पर हुए अत्यचार की घटना को 'छोटी घटना' बताया है। गुजरात चुनाव के लिए प्रचार के दौरान उन्होंने ये बात कही।
हालांकि जब पासवान से ये पूछा गया कि जुलाई 2015 में उना में दलितों की पिटाई को 'छोटी घटना' बताना सही है क्या? इस पर उन्होंने साफ किया कि दलित पर कहीं भी हुआ अत्याचार न्योयोचित नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा, 'मेरा कहना है कि पीएम मोदी पहले ही सार्वजनिक मंच पर कह चुके हैं कि गोरक्षकों की किसी भी समाज विरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, मैं इतना कहना चाहता हूं कि छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। हमारे बिहार में भी ऐसी घटनाएं होती है। गुजरात में एक छोटी सी घटना हो गई। उना (घटना) हुई। गुजरात में खूब हंगामा मचा। लेकिन सरकार का काम है कार्रवाई करना। ऐसी घटना होने के बाद क्या कदम उठाए गए ज़यादा महत्वपूर्ण है।'
गौरतलब है कि गुजरात में राहुल गांधी के आक्रामक और तूफानी चुनावी प्रचार अभियान से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने आधे दर्जन मंत्रियों को प्रचार में उतार दिया है। इन केंद्रीय मंत्रियों को पार्टी ने घर-घर जाकर प्रचार करने के अभियान में लगाया है।
इन मंत्रियों में निर्मला सीतारमण, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, रामविलास पासवान, पुरुषोत्तम रुपला और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री मनसुख मंडविया शामिल हैं।
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पासवान ने कहा कि गुजरात भारत का केंद्र बिंदु है और उसे गर्व होना चाहिए कि देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री इसी राज्य से हैं।
वही दलित नेता और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश मेवाणी ने पासवान द्वारा उना घटना पर दिए गए बयान को शर्मनाक बताया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के बयान को 'शर्मनाक बयान' बताते हुए पासवान के इस्तीफे की मांग की है।
मेवाणी ने कहा, 'उना में दलितों पर अत्याचार को छोटी घटना बताने वाला पासवान का बयान शर्मनाक और उन दलितों के ज़ख्म पर नमक छिड़कने जैसा है, जिन्हें अर्धनग्न करके पीटा और शहर में घुमाया गया। इस घटना को लेकर राज्य भर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 30 दलितों ने जहर खा लिया, सड़कें और रेल लाइनें ठप रहीं। यह एक निर्मम घटना थी। हम यह मांग करते हैं कि इस तरह का शर्मनाक बयान देने वाले पासवान जी का बीजेपी इस्तीफा ले।'
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