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देश की राजधानी बनी सबसे असुरक्षित स्थान, 60 प्रतिशत लोगों ने माना दिल्ली को असुरक्षित: NGO श्वेत पत्र

प्रजा फाउंडेशन एनजीओ ने एक श्वेत पत्र जारी किया है जिसके मुताबिक करीब 60 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि दिल्ली महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है।

Updated on: 23 Nov 2017, 11:31 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली राजधानी के लिए कम और महिलाओं से जुड़े अपराध के लिए ज्यादा जानी जाती है। प्रजा फाउंडेशन एनजीओ ने एक श्वेत पत्र जारी किया है जिसके मुताबिक करीब 60 प्रतिशत लोगों को कहना है कि दिल्ली महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है।

एक सर्वे के मुताबिक मुंबई में रहने वाले महज 17 प्रतिशत लोग अपने शहर को असुरक्षित मानते हैं, लेकिन दिल्ली के 50 प्रतिशत लोग राजधानी को बेहद असुरक्षित मानते हैं।

इतना ही नहीं जब बात बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की आती है तो यह स्थिति और बदतर हो जाती है। बता दे कि 60 प्रतिशत बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं जहां दिल्ली को खुद के लिए असुरक्षित मानते हैं, वहीं मुंबई में यह आंकड़ा महज 25 प्रतिशत है।

प्रजा फाउंडेशन द्वारा जारी किए गए 'दिल्ली में पुलिस एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति' से जुड़े 'श्वेतपत्र' में दिल्ली के 24,301 परिवारों पर सर्वे किया गया है। इनकी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सफर के दौरान भी लोग खुद को सुरक्षित नहीं मानते। ऐसे लोगों की तादाद दिल्ली में करीब 57 प्रतिशत है।

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जबकि 57 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे किसी आपराधिक घटना के बाद पुलिस को सूचना नहीं देते है।

श्वेत पत्र के मुतबिक 18 साल तक के हर 14 में से एक शख्स ने किसी न किसी तरह के अपराध का सामना किया है, और ऐसे में हर 3 में से एक शख्स ने पुलिस को अपने साथ हुए अपराध की सूचना ही नहीं दी।

24,301 प्रतिभागियों पर किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली में 15 लोगों को चोरी, हत्या अन्य घटनाओं का सामना करना पड़ा है। जबकि मुंबई में केवल पांच प्रतिशत लोगों का अपराध से सामना हुआ है।

पुलिस से शिकायत करने वाले लोगों में से 76 प्रतिशत ने पुलिस की प्रतिक्रिया पर संतोष जताया। जबकि 43 प्रतिशत लोग अपराध की जानकरी पुलिस को देते है।

मुंबई में सर्वेक्षण में भाग लेने वाले आधे से ज्यादा लोगों ने पुलिस की कार्रवाई से खुश दिखे। तो वहीं दिल्ली के चांदनी चौक में 21 प्रतिशत और उत्तर-पश्चिम दिल्ली में भी 21 प्रतिशत लोग पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट दिखें।

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