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UNHRC ने भी पाकिस्तान को दिखाया आइना, कश्मीर पर मध्यस्थता से किया इनकार

जम्मू-कश्मीर का मसला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से लगातार उठाया जा रहा है, लेकिन उसे हर तरफ से निराशा हाथ लग रही है.

Updated on: 11 Sep 2019, 05:02 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर का मसला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से लगातार उठाया जा रहा है, लेकिन उसे हर तरफ से निराशा हाथ लग रही है. अब संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से भी पाकिस्तान को मायूसी हाथ लगी है. एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत कर सुलझाएं. हालांकि, उन्होंने इस मसले पर मध्यस्थता करने से इनकार कर दिया है और जवाब में कहा गया है कि भारत अगर कहेगा तो विचार किया जाएगा.

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संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने एंटोनियो गुटेरेस के सामने इस मसले को उठाया था. इसे लेकर एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टेफिन दुजारेक ने बयान दिया है कि भारत-पाकिस्तान को किसी भी तरह के आक्रामक रवैये से बचना चाहिए और दोनों देशों को आपस में बातकर मुद्दे को सुलझाना चाहिए. आपको बता दें कि एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले महीने जी7 (G7) समिट में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके अलावा वह पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी मिले थे.

मलीहा लोधी ने बुधवार को यूएन महासचिव से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर का मामला उठाया. इसी मुलाकात के बाद जब मीडिया की ओर से सवाल दागे गए तो UN महसचिव के प्रवक्ता ने कहा कि मध्यस्थता को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्थिति पहले जैसी ही है. उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्षों की तरफ से ऐसी अपील की जाएगी तो इसपर फैसला होगा.

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आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का ये बयान तब आया है जब पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया गया. हालांकि, वहां भी भारत ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया और बताया कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला है.

गौरतलब है कि इसी महीने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना है. नरेंद्र मोदी और इमरान खान के संबोधन की टाइमिंग भी आसपास ही है, ऐसे में उससे पहले ही ये मसला संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है. अब पूरी दुनिया की नज़र पीएम मोदी और इमरान खान के संबोधन पर है.