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श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा के बाद फेसबुक, व्हाट्सएप पर बैन

रविवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अफवाह केंद्रित हिंसा रोकने के लिए श्रीलंका सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया है.

Updated on: 13 May 2019, 01:18 PM

highlights

श्रीलंका में रविवार को सोशल मीडिया पर एक फेसबुक पोस्ट वायरल होने के बाद पश्चिमी तटीय शहर चिला में तनाव बढ़ गया था.
इसके बाद कुछ उपद्रवियों ने एक मस्जिद और मुस्लिमों की कुछ दुकानों पर पथराव किया.
अफवाह केंद्रित हिंसा दोबारा न हो इसके लिए श्रीलंका सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगा दिया है.

कोलंबो.:

बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे श्रीलंका में रविवार को सोशल मीडिया पर फैली अफवाह के बाद सांप्रदायिक हिंसा हो गई. साथ ही इसकी वजह से कई अन्य इलाकों में तनाव फैल गया. इस तरह की अफवाह केंद्रित हिंसा दोबारा न हो इसके लिए श्रीलंका सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगा दिया है. गौरतलब है कि सार्वजनिक स्थानों पर श्रीलंका बुर्के को पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है. सरकार ने यह निर्णय सोमवार को किया है.

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रविवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा
गौरतलब है कि रविवार को सोशल मीडिया पर एक फेसबुक पोस्ट के वायरल होने के बाद श्रीलंका के पश्चिमी तटीय शहर चिला में तनाव बढ़ गया था. इसके बाद कुछ उपद्रवियों ने एक मस्जिद और मुस्लिमों की कुछ दुकानों पर पथराव किया. इसके बाद तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया. हालांकि रविवार को ही आरोपी फेसबुक यूजर को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान 38 साल के हमीद मोहम्मद हसमार के तौर पर हुई है. यहां ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. इससे नाराज भीड़ ने आरोपी की जमकर पिटाई की.

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मस्जिद को पहुंचा नुकसान
इस हमले में एक मस्जिद को ज़्यादा नुकसान पहुंचा है. इस पूरे हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दर्जनों युवक चिल्ला रहे हैं और कपड़े की दुकान पर पत्थर फेंक रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोग डरे हुए हैं. उनका मानना है कि लगातार हो रहे हमलों में दोषियों को चेतावनी देने में सरकार विफल रही है और वह संभावित आतंकवादियों को भी नहीं पकड़ पा रही है.

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पहले ही लग चुका है बुर्के पर प्रतिबंध
गौरतलब है कि बीते महीने ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार धमाकों में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा घायल थे. इसमें 44 विदेशी नागरिक थे जिनमें से दस भारतीय थे. आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी. इसके बाद श्रीलंका सरकार ने ईसाइयों और मुसलमानों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए कई कदम उठाए थे. इनमें से एक था बुर्के पर प्रतिबंध.