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ईरान की मस्जिदों पर फहराया लाल झंडा, इस्लाम के मुताबिक बड़े युद्ध की घोषणा

अधिकारियों ने शनिवार को कोम में जमकरान मस्जिद के पवित्र गुंबद पर पहली बार हुसैन का लाल झंडा फहराया है

Updated on: 05 Jan 2020, 12:09 AM

नई दिल्ली:

ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे वार अब और आक्रमक हो गया है. अमेरिका ने शुक्रवार को ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी को बगदाद में मार गिराया. वहीं एक दिन बाद ईरान ने बगदाद में ही अमेरिकी दूतावास के पास दो मिसाइलों से हमला किया. उनके निशाने पर अमेरिकी सैनिक थी. इसके बाद ईरान ने अपने प्रमुख मस्जिदों पर लाल झंडा फहरा दिया है. इस्लामिक सिद्धांतों के मुताबिक इसका अर्थ युद्ध की घोषणा है. अधिकारियों ने शनिवार को कोम में जमकरान मस्जिद के पवित्र गुंबद पर पहली बार हुसैन का लाल झंडा फहराया है. इसका एक सटीक है कि एक बड़ा युद्ध होने वाला है या चल रहा है.

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यह झंडा संकेत देता है कि ईरान अपने पूरे समाज को एक ऐसे संघर्ष की ओर ले जा रहा है जो पहले कभी नहीं देखा गया. इस बात को ध्यान में रखें कि ईरान-इराक युद्ध के दौरान भी यह झंडा फहराया नहीं गया था. मस्जिद के ऊपर फहराया गया हुसैन का लाल झंडा, कर्बला के ऐतिहासिक युद्ध की ताकत का प्रतीक है. साथ ही लाल रंग को बलिदान और खून का प्रतीक माना जाता है. इस मस्जिद को ईरान में सबसे महत्वपूर्ण मस्जिद माना जाता है.

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मालूम हो कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को शुक्रवार को बताया था कि वह अमेरिका द्वारा ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के बाद अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा के अपने अधिकार को सुरक्षित रखता है. अमेरिका ने शुक्रवार को कुर्दस फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (Major General Qassim Soleimani)को मार गिराया. इराक की राजधानी बगदाद में सुलेमानी को ड्रोन हमले में अमेरिका ने मार गिराया.

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अमेरिका ने आज यानी शनिवार को बयान जारी करते हुए कहा कि सुलेमानी 603 अमेरिकी सेवा अधिकारियों के मौत का जिम्मेदार था. अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी करते हुए कहा, 'कासिम सुलेमानी कम से कम 603 अमेरिकी सेवा अधिकारियों और इराक के हजारों लोगों की हत्या करने के लिए जिम्मेदार था. 2003 से 2011 के बीच इराक में अमेरिकी कर्मियों की 17 प्रतिशत मौत इस आतंकवादी और उसके कुर्दस फोर्स द्वारा हुए.

वहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ ब्रायन ने कहा है कि ईरान के शक्तिशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का निर्णय रक्षात्मक था और इसे भविष्य में रक्तपात रोकने के लिए लिया गया था. ब्रायन ने आरोप लगाया,‘पश्चिम एशिया के देशों में यात्रा कर रहा सुलेमानी दमिश्क से इराक आया था, जहां वह अमेरिकी जवानों और राजनयिकों पर हमले का षड्यंत्र रच रहा था.’