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पाकिस्तान को पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर सुनाई खरी-खरी, बगैर नाम लिए आतंकवाद पर घेरा

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आंतकवाद पर जोरदार हमला बोला. इसके साथ ही उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों से आतंकवाद को पोषिक-प्रोत्साहित करने वालों के खिलाफ एकजूट होने का भी आह्वान किया.

Updated on: 14 Jun 2019, 01:36 PM

highlights

  • आतंकवाद समर्थक देश को उसकी जगह दिखाने की अपील.
  • एससीओ देशों से आतंक मुक्त समाज बनाने का आह्वान.
  • कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान पड़ा अलग-थलग.

नई दिल्ली.:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तेवरों से साफ संदेश दे दिया है कि आतंकवाद पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने तक पाकिस्तान को भारत से किसी तरह की कोई रियायत की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए. गुरुवार को अनौपचारिक डिनर के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से हाथ तक नहीं मिलाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आंतकवाद पर जोरदार हमला बोला. इसके साथ ही उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों से आतंकवाद को पोषिक-प्रोत्साहित करने वालों के खिलाफ एकजूट होने का भी आह्वान किया.

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आतंकवाद के मददगार देश को उसकी जगह दिखाना जरूरी
शंघाई सहयोग संगठन बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आतंकवाद को समर्थन, प्रोत्साहन और आर्थिक मदद देने वाले राष्ट्रों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है. एससीओ सदस्यों को आतंकवाद के सफाये के लिए एक साथ आकर काम करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगाने से लेकर हमें इसके खात्मे तक एक होकर काम करना होगा. पीएम मोदी ने 'आतंक मुक्त समाज' का नारा देते हुए कहा, 'मैं हाल ही में श्रीलंका गया था तो वहां भी आतंकवाद का खतरनाक रूप में देखने को मिला. इसे देखते हुए आतंक के खिलाफ भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान करता है.'

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कनेक्टिविटी से कट्टरता पर लगाम लगेगी
पाकिस्तान को उसकी जगह दिखाने के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने एससीओ की बैठक के दूसरे दिन क्षेत्रीय एकता और सुरक्षा के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. आधुनिक युग में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'फिजिकल कनेक्टिविटी के साथ-साथ लोगों का लोगों से संपर्क भी महत्वपूर्ण है. संस्कृति और साहित्य से समाज में एकता की भावना आती है और इससे कट्टरता पर लगाम कसी जा सकती है.' इस कड़ी में उन्होंने कहा कि भारत ने इसी उद्देश्य के लिए चाबहार बंदरगाह के अलावा काबुल और कंधार के बीच एयर फ्रेट कॉरिडोर को स्थापना की है. इसके साथ ही एससीओ के सभी देशों के लिए ई-वीजा की सुविधा उपलब्ध कराई है.

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कूटनीतिक तौर पर पाक को किया अलग-थलग
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही भारत की ओर से पाकिस्तान को दुनिया में आतंकवाद के मसले पर अलग-थलग करने की कोशिशें की जा रही हैं. इस कड़ी में भारत को मिली कूटनीतिक सफलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के मसले पर चीन तक अपने रुख से बदलना पड़ा. इसका नतीजा यह रहा है कि कल तक मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित होने में तकनीकी अड़चने लगाता आ रहा चीन इस बार ऐसा नहीं कर सका. नतीजतन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा कर दिया.