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भारत में शरण मांगने वाले इमरान खान के मंत्री को मिल रही जान से मारने की धमकियां

भारत में राजनीतिक शरण मांगने वाले सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को पूर्व पार्टी सदस्य बलदेव कुमार को अब जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.

Updated on: 11 Sep 2019, 08:31 PM

highlights

  • अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की बात कह भारत से मांगी पीटीआई के पूर्व सदस्य बलदेव कुमार ने शरण.
  • अब पाकिस्तान बलदेव कुमार को हत्यारा बता हत्यारोपी कह भगौड़ा बता रहा है.
  • भारत सरकार गंभीरता से कर रही है बलदेव कुमार और परिवार को शरण देने पर विचार.

नई दिल्ली:

भारत में राजनीतिक शरण मांगने वाले सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को पूर्व पार्टी सदस्य बलदेव कुमार को अब जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. फिलहाल पंजाब के लुधियाना जिले के खन्ना में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहे बलदेव कुमार पिछले महीने भारत आए थे. उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार से आजिक आकर भारत सरकार से शरण मांगी है. उन्हें शरण देने पर केंद्र सरकार भी गंभीरता से विचार कर रही है.

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साथी एमएलए की हत्या का आरोप
खैबर पख्तूनख्वा के एमएलए बतौर 2016 में महज 16 घंटे सत्ता सुख भोगने वाले बलदेव कुमार पर 2013 से 2018 तक खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक रहे सरदार सोरन सिंह की हत्या में कथित भूमिका के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि वहां एमएलए बनने का भी खूनी इतिहास है. इसके मुताबिक अगर प्रोवेंशियल असेंबली का कोई सदस्य मारा जाता है, तो वह पग उसके बाद के दावेदार को मिल जाता है. हालांकि हत्या के आरोप लगने के बाद बलदेव कुमार ने एमएलए का पद छोड़ दिया था. इसके बाद दो साल उन्होंने जेल में भी बिताए, लेकिन 2018 में शक की बिनाह पर रिहा कर दिया गया था.

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अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की कही बात
इसके बाद जमानत पर रिहा होते ही बलदेव कुमार अपनी पत्नी और बेटी के साथ भारत आ गए. यहां आने के बाद उन्होंने केंद्र सरकार से अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए शरण मांगी थी. यह अलग बात है कि शुरुआती दिनों में पाकिस्तान के फवाद हुसैन सरीखे मंत्रियों ने इस पर कोई तवज्जो नहीं दी. हालांकि जब पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का मसला वैश्विक मंच पर तूल पकड़ने लगा तो फवाद चौधरी ही ने एक बयान जारी कर उन्हें हत्यारा बताया और कहा कि वह पाकिस्तानी कानून के तहत मुकदमे के डर से भारत भाग गए हैं.