logo-image

हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तानी अफसरों ने दी गवाही, जानें क्या है पूरा मामला

11 दिसंबर 2019 को लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने सईद और उसके नजदीकी हाफिज अब्दुल सलाम, मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल के खिलाफ आतंकियों को धन मुहैया कराने के मामले में आरोप तय किए गए थे.

Updated on: 09 Jan 2020, 10:15 AM

highlights

  • आतंक को बढ़ावा देने के लिए टेरर फंडिंग केस में मुंबई हमले (Mumbai Attack) के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके साथियों के खिलाफ राजस्व अधिकारियों समेत छह लोगों ने अदालत में गवाही दी है.
  • जमात-उद-दावा वह संगठन है जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन का इंतजाम करता था. 
  • राजस्व अधिकारियों ने अदालत में ऐसे दस्तावेज भी दाखिल किए जिनसे उनके बयान की पुष्टि हुई.

लाहौर:

आंतक के आका हाफिज सईद के खिलाफ अब पाकिस्तान में ही कुछ लोगों ने आवाज उठाई है और उसके खिलाफ गवाई भी दी है. आतंक (Terror) को बढ़ावा देने के लिए टेरर फंडिंग केस (Terror funding Case) में मुंबई हमले (Mumbai Attack) के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके साथियों के खिलाफ राजस्व अधिकारियों समेत छह लोगों ने अदालत में गवाही दी है. अभियोजन पक्ष ने अदालत में इन लोगों को गवाह के तौर पर पेश किया था. 11 दिसंबर 2019 को लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने सईद और उसके नजदीकी हाफिज अब्दुल सलाम, मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल के खिलाफ आतंकियों को धन मुहैया कराने के मामले में आरोप तय किए गए थे. अदालत के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार और बुधवार को पंजाब के राजस्व विभाग के अधिकारियों समेत छह लोगों ने चारों आरोपियों के खिलाफ गवाही दी.

माना जाता है कि जमात-उद-दावा वह संगठन है जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन का इंतजाम करता था. लश्कर ने ही 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे. लश्कर ने भारत में दर्जनों अन्य आतंकी हमलों को भी अंजाम दिया है.

यह भी पढ़ें: संभल जाइए, उपभोक्ताओं से अगर की घोखाघड़ी तो होगी कड़ी कार्रवाई

बताया जा रहा है कि इस दौरान राजस्व अधिकारियों ने अदालत में ऐसे दस्तावेज भी दाखिल किए जिनसे उनके बयान की पुष्टि हुई. ये दस्तावेज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के केंद्रों, सहयोगी संगठनों और लाहौर की मस्जिदों से संबंधित हैं. इनके जरिये धन का लेन-देन किया जाता था.

पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधी विभाग ने उन गवाहों को भी पेश की जिन्होंने धन उगाही के तरीकों के बारे में बताया. बाद में एकत्रित धनराशि को आतंकी संगठनों को दे दिया जाता था. गवाही के दौरान सईद और उसके साथियों के वकीलों ने गवाहों से सवाल भी पूछे. यह प्रक्रिया कई घंटे चली. इसके बाद न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने गुरुवार तक के लिए अदालत स्थगित कर दी.

यह भी पढ़ें: पहाड़ों पर बर्फबारी तो यूपी में बारिश के साथ गिरे ओले, ठंड फिर बढ़ी

सुनवाई के दौरान सईद और उसके साथी भी अदालत में मौजूद थे. इस दौरान अदालत में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. आतंकवाद निरोधी विभाग ने सईद और उसके साथियों के खिलाफ विभिन्न शहरों में 23 एफआइआर दर्ज की हैं. इन्हीं के आधार पर 17 जुलाई को सईद को गिरफ्तार किया गया था. इस समय वह लाहौर की कोट लखपत जेल में निरुद्ध है.