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इमरान खान का बदला'पुर', मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित कराने का ऐसे बदला लेगा पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान ने पिछले हफ्ते चीन के सहयोग से बलूचिस्तान और पेशावर में आतंकवादी हमलों का आरोप लगाते हुए दो भारतीयों को इसमें नामजद किया है और साथ ही संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति को स्थानांतरित कर दिया है.

Updated on: 21 Nov 2019, 12:41 PM

नई दिल्‍ली:

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूरी दुनिया के देशों पर दबाव डालकर पाकिस्‍तान (Pakistan) के आतंकी सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को वैश्‍विक आतंकी (Global Terrorist) घोषित कराया था. यह बात पाकिस्‍तान को पच नहीं रही है. अब पाकिस्‍तान चीन (China) के साथ मिलकर भारत को जैसे को तैसा जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहा है. बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (United Nation Security Council) की ओर से इसी साल पाकिस्‍तान के आतंकी सरगना मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित किया था. हालांकि शुरुआत में भारत के प्रयासों को चीन ने झटका दिया, लेकिन अंत में उसे भी भारत की हां में हां मिलानी पड़ी.

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पाकिस्‍तान ने पिछले हफ्ते चीन के सहयोग से बलूचिस्तान और पेशावर में आतंकवादी हमलों का आरोप लगाते हुए दो भारतीयों को इसमें नामजद किया है और साथ ही संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति (1267 Al Qaeda Sanctions Committee) को स्थानांतरित कर दिया है. कुल मिलाकर पाकिस्तान ने चार भारतीयों को आतंकवादी करार दिया है. इनमें से सभी को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाल लिया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अप्पाजी अंगारा नाम का आदमी आंध्र प्रदेश का निवासी है, जो अफगानिस्तान के काबुल में एक बैंक में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम कर रहा था. अंगारा को 18 जनवरी की शुरुआत में काबुल से बाहर ले जाया गया था. पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान के साथ अंगारा पर 13 फरवरी, 2017 को लाहौर के माल रोड पर एक आतंकवादी हमले का आरोप लगाया था.

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1267 समिति को सौंपे गए डोजियर में अंगारा पर 16 दिसंबर, 2014 को पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमले, जमात-उर-अहरार को सहयोग करने और 2 सितंबर, 2016 को पेशावर में वारसाक कॉलोनी में बमबारी करने का आरोप लगाया गया है. पेशावर के एक पुलिस थाने में प्राथमिकी संख्या 77 (दिनांक 13 जुलाई 2019) की धारा 312, 324, 353, 14 बी, 149 एफ एंड पी, एटीए के तहत उस पर मामला दर्ज किया गया है.

इस सप्ताह की शुरुआत में हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स ने गोबिंदा पटनायक दुग्गीवालसा को नामजद करने के पाकिस्तान की कोशिशों की रिपोर्ट दी थी. ओडिशा में जन्मे 54 वर्षीय डग्गीवालसा को 18 नवंबर, 2018 को बलूचिस्तान के मस्तुंग में पाकिस्तानी राजनेता सिराज रायसानी पर आतंकवादी हमले का आरोप लगने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 18 नवंबर को काबुल से बाहर निकाल लिया था. डग्गीवालसा के खिलाफ एक प्राथमिकी संख्या 12/18 (दिनांक 13 जुलाई, 2019) के तहत 109-427-34- एटीए काउंटर आतंकवाद विभाग, पुलिस स्टेशन क्वेटा, बलूचिस्तान और एक अन्य प्राथमिकी संख्या 08/2018 (9 जुलाई, 2019) के तहत 109 109 के तहत दर्ज की गई थी.

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ओडिशा के बीकॉम स्नातक, चेन्नई के कंप्यूटर अनुप्रयोगों में डिप्लोमा के साथ और विशाखापत्तनम से एमबीए डग्गीवालसा डोजियर के अनुसार, अफगानिस्तान के काबुल में फीनिक्स कंसल्टिंग सर्विसेज के अध्यक्ष के रूप में काम करते थे. कंपनी फ्लुएंग्रिड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी और अफगानिस्तान में क्षमता निर्माण परियोजनाओं में शामिल थी.

बता दें कि अमेरिका और अफगानिस्‍तान की संयुक्‍त फोर्स के साथ तालिबान की लड़ाई के बाद भारत ने वहां व्‍यापक पैमाने पर निवेश किया है और कई कंपनियां वहां काम कर रही हैं. इन कंपनियों में काम करने के लिए भारतीय कर्मचारियों को भी वहां जगह मिली है.