इमरान खान की मुसीबतें और बढ़ेंगी, मोलाना फजलुर्रहमान ने अब पेश किया 'प्लान बी'
आजादी मार्च को संबोधित करते हुए फजलुर्रहमान ने अपने समर्थकों से कहा कि अब प्रदर्शन की दूसरी योजना पर काम करने का समय है. इस लिहाज से कह सकते हैं कि पाकिस्तान में इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
highlights
- इस्लामाबाद का घेराव खत्म कर मौलाना फजलुर्रहमान ने पेश किया 'प्लान-बी'.
- इसके तहत अब देश भर में गलियों और सड़कों का किया जाएगा घेराव.
- इमरान खान से इस्तीफा देने या दोबारा चुनाव कराने की मांग पर अड़ा विपक्ष.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान ने इस्लामाबाद में करीब दो सप्ताह से चला आ रहा सरकार विरोधी प्रदर्शन खत्म कर दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि वजीर-ए-आजम इमरान खान पर इस्तीफे का दबाव बढ़ाने के लिए अब 'प्लान-बी' के तहत पूरे देश में प्रदर्शन किया जाएगा. आजादी मार्च को संबोधित करते हुए फजलुर्रहमान ने अपने समर्थकों से कहा कि अब प्रदर्शन की दूसरी योजना पर काम करने का समय है. इस लिहाज से कह सकते हैं कि पाकिस्तान में इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
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अब देश भर में होगा घेराव
मौलाना फजलुर्रहमान के 'प्लान बी' के तहत पूरे देश को बंद किया जाएगा. मौलाना का दावा है कि इस बार इमरान खान सरकार की जड़ें हिल जाएंगी और वह खुद इस्तीफा दे देंगे. रहमान पहले से ही कहते आ रहे हैं कि इमरान खान या तो देश में अगले तीन महीने में चुनाव कराएं या फिर इस्तीफा दें. हालांकि इन दोनों शर्तों पर इमरान खान ने किसी भी तरह की रजामंदी नहीं दी है. इसके बावजूद रहमान अपनी जिद पर अड़े हैं. अभी तक रहमान की पार्टी और विपक्षी दलों ने महज इस्लामाबाद को ही घेर कर रखा था, जिसके कारण आम लोगों को जबरदस्त दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस लिहाज से कह सकते हैं कि 'प्लान-बी' आगे कर रहमान की शर्तों को न मानने का खामियाजा इमरान खान को कहीं दुश्वारियों के साथ झेलना होगा.
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कमजोर सरकार को गिराने के लिए मामूली धक्का काफी
जेयूआई-एफ के प्रमुख रहमान ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने और नए चुनाव कराने के लिए प्रमुख राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर प्रदर्शन किया जाएगा. आजादी मार्च की दूसरी योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख राजमार्गों बल्कि सड़कों और गलियों में भी प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार काफी कमजोर हो चुकी है और उसे उखाड़ने के लिए हल्का सा धक्का देने की जरूरत है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को अपने घरों में वापस जाने के लिए कहा.
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सेना पहले ही खींच चुकी है इमरान खान से हाथ
हालांकि पिछले दिनों सेना ने भी इस मामले में इमरान खान का साथ देने के लिए मना कर दिया था, क्योंकि सेना को लग रहा है कि पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ माहौल बन रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में आपातकाल लागू हो जाएगा और पाकिस्तान की सत्ता सेना के हाथ में आ जाएगी. रहमान की पार्टी ने 27 अक्टूबर से आजादी मार्च निकाला था और पार्टी के कार्यकर्ता पिछले 14 दिन से राजधानी इस्लामाबाद में धरने पर डटे हुए थे. जिसको लेकर इमरान खान की हालत खराब थी और इस मार्च को खत्म करने के लिए सरकार के प्रतिनिधियों ने कई बार रहमान की पार्टी के नेताओं से मुलाकात की, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला.
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