logo-image

अपने ही घर में इमरान खान की कोई इज्जत नहीं, पाकिस्तान के अखबार ने ऐसा उड़ाया उनका मजाक

पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र 'द नेशन' ने प्रधानमंत्री इमरान खान का मजाक उड़ाने वाला एक कार्टून प्रकाशित कर विवाद पैदा कर दिया.

Updated on: 28 Sep 2019, 05:49 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र 'द नेशन' ने प्रधानमंत्री इमरान खान का मजाक उड़ाने वाला एक कार्टून प्रकाशित कर विवाद पैदा कर दिया. समाचार पत्र ने हालांकि बाद में माफी मांग ली है. समाचार पत्र ने कार्टून में इमरान खान को एक घोड़े के रूप में एक घोड़ागाड़ी खींचते हुए दिखाया गया है. गाड़ी पर बैठे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में खड़े अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन्हें लालच दे रहे हैं, जिसे देखकर इमरान मध्यस्थता के लालच में गाड़ी को आगे खींच रहे हैं. कार्टून में ट्रंप और मोदी मुस्करा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Jammu-Kashmir: रामबन में मुठभेड़, घर में छिपे 3 आतंकवादी ढेर, एक जवान शहीद; देखें Video

समाचार पत्र ने हालांकि बाद में माफी मांग ली. समाचार पत्र ने कहा, "हम उस कार्टून के लिए माफी मांगना चाहते हैं. हमारी कला हमारी संपादकीय नीतियों का प्रदर्शन नहीं करती है. यह होना नहीं चाहिए था."

बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र की जनरल एसेंबली (UNGA) को संबोधित करने के दौरान पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान कश्‍मीर और भारत विरोध की अपनी रणनीति पर ही अटक कर रह गए, जबकि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्‍तान का नाम तक नहीं लिया. पाकिस्‍तान का नाम न लेकर ऐसा नहीं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उसे बख्‍श दिया, बल्‍कि अपने संबोधन में उसका नाम लेने लायक ही नहीं समझा. एक तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने यह जता दिया कि पाकिस्‍तान की उससे कोई तुलना ही नहीं है. पाकिस्‍तान खून-खराबा और मानवता को नुकसान पहुंचाने के लिए काम करता है, जबकि भारत दुनिया को राह दिखाने का काम करता है.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर रहे तुर्की को भारत ने दिया करारा जवाब, जानें कैसे

पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बल्‍कि बुद्ध दिया है. दूसरी ओर, इमरान खान अनुच्‍छेद 370 के खात्‍मे का विरोध करने में यह भी भूल गए कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के मंच से खूनखराबा कराने की धमकी देना उनके लिए कितना आत्‍मघाती हो सकता है.

इमरान खान ने 'इस्लामोफोबिया' का हौव्वा खड़ा करने के लिए पश्चिम के विकसित राष्ट्रों को 'दोष' देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि अमेरिका में हुए आतंकी हमले के बाद समूचे विश्व ने कट्टरपंथी तत्वों को इस्लाम से जोड़कर रख दिया. किसी ने भी यह सोचने की जरूरत नहीं समझी कि इससे काफी पहले जो पहला आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था, वह 'हिंदुओं' ने किया था.