logo-image

पाकिस्तान ने 40 साल बाद फिर तैयार किया खतरनाक 'के-2' प्लान, भारत सतर्क

पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने अपने ही एक पुराने विध्वंसकारी षड्यंत्र 'के-2' (K-2) को नए सिरे से अंजाम देने की साजिश रची है. इसके लिए कश्मीर और खालिस्तान (Khalistan) आतंकवादियों के साथ मिलकर 'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' (KKRF) बनाया है.

Updated on: 23 Oct 2019, 03:45 PM

highlights

  • पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को नए सिरे से धार देने में जुट गया है.
  • भारत के खिलाफ 'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' बनाया है.
  • पाकिस्तानी सेना समेत चुनिंदा पाक हुक्मरानों ने रचा गहरा षड्यंत्र.

नई दिल्ली:

काठमांडु (Katmandu) और ढाका (Dhaka) स्थित पाकिस्तानी दूतावासों को भारत विरोधी भावनाओं और हरकतों का गढ़ बनाने के बाद पाकिस्तान (pakistan) अपने नापाक मंसूबों को नए सिरे से धार देने में जुट गया है. इसके लिए पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने अपने ही एक पुराने विध्वंसकारी षड्यंत्र 'के-2' (K-2) को नए सिरे से अंजाम देने की साजिश रची है. नए खुफिया इनपुट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर और खालिस्तान (Khalistan) आतंकवादियों के साथ मिलकर 'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' (KKRF) बनाया है. इस नए मोर्चे का मकसद विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगाववादियों को एक साथ लाकर भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों को अंजाम देना है.

यह भी पढ़ेंः अब शॉपिंग मॉल में भी मिल सकेगा डीजल-पेट्रोल, मोदी सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

अस्सी के दशक में बना था पहली बार 'के-2' प्लान
गौरतलब है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य प्रमुख जनरल जिया उल हक (Zia Ul Haq) ने अस्सी के दशक में भारत को अस्थिर करने के लिए 'के-2' प्लान बनाया था. जनरल जिया और जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutto) भारत को सैकड़ों टुकड़ों में बांटना चाहते थे. यह अलग बात है कि पाकिस्तान अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सका. हालांकि इस साल अगस्त के महीने में कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने और इस मसले पर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती के बाद पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई और पाकिस्तानी सेना समेत चुनिंदा पाक हुक्मरानों ने गहरे षड्यंत्र रचने शुरू किए हैं.

यह भी पढ़ेंः टेरर फंडिंग के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के खातों का इस्तेमाल! 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन

'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' का गठन
इनमें सबसे नया है कि कश्मीर और खालिस्तानी आतंकियों को एक साथ मिलाकर 'कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट' का गठन, जो वास्तव में अस्सी के दशक में पाक सेना के षड्यंत्र (Conspiracy) का एक नया रंग-रूप है. इस फ्रंट से विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगावादियों को एक साथ जोड़ने की कोशिश है, ताकि भारत को दो मोर्चों पर अस्थिर किया जा सके. खुफिया एजेंसियों को प्राप्त इनपुट्स के मुताबिक ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन और दूतावासों 9Pakistan Embassy) के जरिये पाकिस्तान केकेआरएफ को मजबूत बना रहा है.

यह भी पढ़ेंः अब इस फिल्‍म ने कराई पाकिस्‍तानी आर्मी (Pakistan Army) की छीछालेदर, आइटम डांसर (Item Dance) के पोस्‍ट पर विवाद

ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी
गौरतलब है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पंजाब (Punjab) से लगती पाकिस्तान सीमा (Pakistan Border) से हथियारों की तस्करी समेत घुसपैठ के प्रयासों में तेजी आई थी. इस बार पाकिस्तान ने चीन निर्मित ड्रोन के जरिये हथियारों की तस्करी का नया तरीका अपनाया था. फिरोजपुर और राजस्थान के श्रीगंगानगर में ऐसे ही ड्रोन (Drone) देखे गए हैं. इसके साथ ही पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़े कुछ आतंकियों ने भी पाकिस्तान के नए और खौफनाक इरादों का कच्चा-चिट्ठा भारत के समक्ष खोल कर रख दिया था. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के मुताबिक कश्मीर और पंजाब में सिख भावनाओं का फायदा उठाने की आईएसआई की एक साजिश का हिस्सा है 'के-2' प्लान.

यह भी पढ़ेंः POK में आजादी का आंदोलन (Freedom Movement) बेकाबू, मुजफ्फराबाद में लगाया गया आपातकाल

बीते साल से मिल रहे थे संकेत
गौरतलब है कि बीते साल अमृतसर में निरंकारी (Nirankari) सत्संग पर ग्रेनेड से हुए हमले के बाद राज्य सरकार को इसमें पाकिस्तानी हाथ होने के सबूत मिले थे. पंजाब में खालिस्तान समर्थक आतंकवाद की शुरुआत भी इसी शैली में हुई थी. इसके बाद इस साल संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान बाहर सड़कों पर खालिस्तान समर्थकों ने मजमा लगाकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में हिस्सा लिया था. इसके और भी पहले इसी साल लंदन में खालिस्तान रिफ्रेंडम के नाम पर सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन हुआ था.