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पाकिस्तान के ढाका-काठमांडु दूतावास बने भारत विरोधी अड्डे, ISI की ब्रांच में तब्दील

पाक अधिकारी कूटनीतिक चैनलों का दुरुपयोग कर न सिर्फ भारत में नकली नोटों की तस्करी करा रहे हैं, बल्कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत विरोधी गतिविधियों को भी हवा दे रहे हैं.

Updated on: 20 Oct 2019, 11:55 AM

highlights

  • आईएसआई की स्थानीय ब्रांच में बदले ढाका और काठमांडु के पाक दूतावास.
  • नकली नोटों की तस्करी के साथ भारत विरोधी भावनाओं को दी जा रही हवा.
  • गृह मंत्रालय को पाक दूतावास से जुड़ी गोपनीय रिपोर्ट भेजी आईबी ने.

New Delhi:

भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि ढाका और काठमांडु स्थित पाकिस्तानी दूतावास में तैनात पाक सेना के दो अधिकारी भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. एजेंसी के पास उपलब्ध सबूतों के मुताबिक दोनों पाक अधिकारी कूटनीतिक चैनलों का दुरुपयोग कर न सिर्फ भारत में नकली नोटों की तस्करी करा रहे हैं, बल्कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत विरोधी गतिविधियों को भी हवा दे रहे हैं. नेपाल में पाकिस्तानी राजदूत मजहर जावेद की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जो नेपाल में भारत विरोधी भावनाओं को हवा दे रहा है.

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काठमांडु में पाक राजदूत दे रहे भारत विरोध को हवा
आईबी की एक गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक मजहर ने 27 सितंबर को महाराजगंज स्थित काठमांडु दूतावास में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. इसमें 30 के आसपास लोग शामिल हुए थे, जिनमें मानवाधिकार कार्यकर्ता, बुद्धिजीवियो समेत कई देशों के राजनयिक थे. गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में मजहर जावेद ने कश्मीर घाटी में मानवाधिकारों के कथित हनन का दुष्प्रचार कर भारत के खिलाफ उन्हें उकसाने वाली बातें की थीं. इसके अलावा मजहर जावेद ने काठमांडु से प्रकाशित होने वाले प्रमुख समाचारपत्र 'नागरिक' में 3 अक्टूबर को एक लेख लिख जम्मू-कश्मीर की स्थिति को विस्फोटक करार दिया था.

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आईएसआई की ब्रांच में तब्दील किया गया नेपाल दूतावास
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान के नजदीकी माने जाने वाले मजहर जावेद ने काठमांडु स्थित दूतावास को खुफिया संस्था के ऑफिस में तब्दील कर दिया है. यहां पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या कहीं अधिक है. यही नहीं, पाकिस्तानी दूतावास के डिफेंस अटैशी कर्नल शफकत नवाज वास्तव में आईएसआई के स्थानीय प्रतिनिधि हैं. शफकत नवाज ने दाऊद इब्राहिम से जुड़े स्थानीय तस्करों की मिलीभगत से भारत में नकली नोटों की तस्करी का जिम्मा संभाल रखा है.

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नकली नोटों के सौदागरों का है दूतावास आना-जाना
यही नहीं, शफकत नवाज का नाम जम्मू-कश्मीर में सक्रिय कई आईएसआई मॉड्यूल को फंडिंग कराने के मामलों में भी सामने आया है. शफकत नवाज का नाम पहली बार भारतीय खुफिया संस्थाओं के समक्ष मई में आया था, जब 7.67 करोड़ रुपए की नकली भारतीय मुद्रा काठमांडु के त्रिभुवन हवाईअड्डे से पकड़ी गई थी. दाऊद से जुड़ा एक ऑपरेटर युसुफ अंसारी इस सिलसिले में गिरफ्तार भी किया गया था. बताते हैं कि अंसारी का अक्सर काठमांडु स्थित पाकिस्तानी दूतावास आना-जाना होता था.

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दिल्ली में जाली नोट के तार भी जुड़े नेपाल से
इस गिरफ्तारी से कुछ समय बाद अगस्त में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भारी मात्रा में नकली नोटों की तस्करी के मामले में अंसारी के गुर्गे को गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला था कि जाली भारतीय मुद्रा की छपाई कराची स्थित एक सरकारी प्रेस में होती है. इसी तरह भारतीय खुफिया संस्था के पास ढाका में तैनात पाकिस्तानी राजदूत की संदिग्ध गतिविधियों के भी सबूत हैं. वहां बतौर रक्षा सचिव तैनात ब्रिगेडियर कामरान नाजी जेहादी आतंकियों के साथ बैठक कर उन्हें उकसा रहा है. इसके अलावा नाजी के तार जाली नोटों की तस्करी में भी सीधे तौर पर जुड़ते हैं.

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गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
आईबी की इस गोपनीय रिपोर्ट पर गृह मंत्रालय ने भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र बल और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल को अतिरिक्त चौकसी बरतने के आदेश जारी कर दिए हैं. आईबी के अलावा अन्य भारतीय खुफिया संस्थाओं को भारत पड़ोसी देशों में पाकिस्तानी दूतावास से जुड़ी संदिग्ध जानकारियां प्राप्त हुई हैं. खासकर जम्मूकश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इन पाकिस्तानी दूतावासों में भारत विरोधी गतिविधियों में कुछ ज्यादा ही तेजी आई है.