मंत्री शाह महमूद कुरैशी बोले- भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं, थर्ड पार्टी ही विकल्प
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद-370 (Article-370) हटाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह बौखला गया है.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद-370 (Article-370) हटाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह बौखला गया है. पाकिस्तान के मंत्री की ओर से कश्मीर मुद्दे को लेकर तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं. अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत संभव नहीं है. इसके लिए तीसरे पार्टी की जरूरत है. अर्थात यहां उनका इशारा अमेरिका की ओर है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान भारत के साथ वार्ता चाहता है, लेकिन भारत (India) ने उनकी मांगों को कई बार ठुकरा दिया है. अब पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता के लिए थर्ड पार्टी की जरूरत पड़ रही है. इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं है. दोनों देशों के बीच थर्ड पार्टी सुलह ही एकमात्र विकल्प है.
Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi: Bilateral talks between India and Pakistan not possible. Third party reconciliation is the only option between the two countries. pic.twitter.com/dh9PUoJVET
— ANI (@ANI) September 11, 2019
हालांकि, पिछले दिनों विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ये खुलासा किया था कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को दुनिया का साथ नहीं मिल रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भी हमें समर्थन मिलना मुश्किल है. उन्होंने आगे कहा था कि पाकिस्तानी और कश्मीरियों को यह जानना चाहिए कि कोई आपके लिए नहीं खड़ा है. हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए. आपको संघर्ष करना होगा.
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वहीं, पाकिस्तान के मंत्री लगातार बेतुका बयान दे रहे हैं. इसी क्रम में पाकिस्तान के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन (Chaudhury Fawad Hussain) ने चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) को लेकर की ओछी टिप्पणी के बाद फिर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी छात्र आत्मघाती हमलावर नहीं होते हैं. हालांकि, यह भी कड़वा सच है कि सभी आत्मघाती हमलावर मदरसों के छात्र होते हैं. इसके बाद वह सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए.
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