logo-image

पाकिस्‍तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश, अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री ने कही ये बड़ी बात

इसी साल जनवरी में अमेरिका के रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले जेम्स मैटिस ने अपनी आत्मकथा ‘कॉल साइन केओस’ में ये बातें कहीं.

Updated on: 05 Sep 2019, 09:51 AM

highlights

  • ट्रंप कैबिनेट के अहम सदस्‍य रह चुके हैं जेम्‍स मैटिस
  • मैटिस ने कहा, पाकिस्‍तान में कोई गंभीर राजनेता नहीं
  • हम पाकिस्‍तान के परमाणु बम को ऐसे ही नहीं छोड़ सकते

नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान भरोसा न करने योग्य दुनिया का सबसे खतरनाक देश है. जिन देशों में मैंने काम किया है, उनमें पाकिस्तान को उसके सामाजिक कट्टरपंथ और परमाणु हथियारों के चलते सबसे ज्यादा खतरनाक मानता हूं. हम परमाणु हथियारों के तेजी से बढ़ते जखीरे को आतंकियों के हाथ में नहीं जाने दे सकते हैं. इसका नतीजा बेहद खतरनाक होगा. इसी साल जनवरी में अमेरिका के रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले जेम्स मैटिस ने अपनी आत्मकथा ‘कॉल साइन केओस’ में ये बातें कहीं. अमेरिकी सेना में काफी समय दे चुके जेम्‍स मैटिस ट्रंप कैबिनेट के सदस्य भी रहे हैं. उनकी आत्मकथा मंगलवार की शाम ही प्रकाशित हुई है.

यह भी पढ़ें : अक्‍टूबर से नई दिल्‍ली-लखनऊ के बीच चलेगी देश की पहली निजी ट्रेन, जानें इसकी खासियत

मैटिस ने अपने किताब में लिखा है, पाकिस्तान का एटमी हथियारों का जखीरा दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है और पीएम इमरान खान के कैबिनेट के साथी इन हथियारों को लेकर शेखी बघार रहे हैं. हाल ही में पाक रेल मंत्री शेख रशीद ने कहा था कि हमारे पास 200 ग्राम के हल्के परमाणु बम मौजूद हैं जो सीमित इलाके को अपना निशाना बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्‍तान के पास ऐसे नेता भी नहीं जो अपने भविष्य की चिंता करते हों.

यह भी पढ़ें : Jio की तीसरी सालगिरह पर आज लांच होने जा रहा Jio Fiber, फ्री सेट टॉप बॉक्स समेत मिलेंगे ये ऑफर

जेम्स मैटिस का मानना है कि भारत के साथ दुश्मनी में ही पाकिस्तान पूरा ध्यान लगा रहा है. वह अपनी पूरी राजनीति को भारत से शत्रुता के नजरिए से ही देखता है. पाक सेना काबुल में ऐसी सरकार चाहती है जो वहां भारत के प्रभाव को रोक सके.

मैटिस ने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरा मतभेद और अविश्वास रहा है. उन्होंने लिखा, हम पाकिस्तान के साथ अपनी समस्याओं को सुलझा सकते थे लेकिन हमारे बीच मतभेद और अविश्वास बहुत ज्यादा बढ़ चुका था.