logo-image

पाकिस्तान हुआ 'कंगाल', लोगों को नहीं मिल रहा खाने को चिकन, महंगाई दर पहुंची 11 प्रतिशत से पार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) की सरकार के लिए लगातार गिरती हुई अर्थव्यवस्था (pakistan Economy) चिंता का कारण है.

Updated on: 03 Oct 2019, 06:02 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) की सरकार के लिए लगातार गिरती हुई अर्थव्यवस्था (pakistan Economy) चिंता का कारण है. पड़ोसी मुल्क की आवाम बढ़ती महंगाई से काफी परेशान है. बुधवार को पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) ने आंकड़े जारी किए. जिससे पता चला कि सितंबर में साल-दर-साल महंगाई 11.4 फीसदी बढ़ी है.

पिछले महीने की तुलना में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के माध्यम से मापी गई महंगाई में 0.77 फीसदी की बढ़त हुई है. आधार वर्ष 2015-16 के हिसाब से सितंबर में महंगाई 11.37 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने में 10.49 फीसदी थी.

इसे भी पढ़ें:अरविंद केजरीवाल ने किया दिल्ली में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने का ऐलान, छात्रों को खेल में मिलेगी डिग्री

आधार वर्ष में बदलाव का मतलब है कि वित्त वर्ष 2016 में अर्थव्यवस्था के मूल्य स्तर के आधार पर महंगाई मापी जाएगी. दो महीने पहले तक आधार वर्ष 2008 था. इसके मुताबिक सितंबर में महंगाई दर 12.55 फीसदी थी. अगस्त के मुकाबले यह 0.92 फीसदी ज्यादा है.

शहरों में इन उत्पादों का बढ़ा दाम

उत्पाद  बढ़त (फीसदी में)
चिकन  40.75 
टमाटर  37.47
प्याज               32.31
ताजी सब्जियां  12.84

अंडे 
9.76
आलू  6.21
कुकिंग ऑयल  4.68
घी  4.18
मोटर फ्यूल  3.88
चीनी  3.78
मसूर दाल  2.54
सरसों का तेल  1.75
गेहूं का आटा  1.29


शहरों में इन उत्पादों के घटे दाम

उत्पाद गिरावट (फिसदी में)
ताजे फल  15.64
गेहूं 0.3

ग्रामीण इलाकों में ये उत्पाद हुए महंगे

उत्पाद  बढ़त (फीसदी में)
टमाटर  35.4
प्याज  28.49
चिकन  26.56
आलू  18.18
ताजी सब्जियां  10.96
अंडे  9.79
चीनी  5.21
मूंग दाल  2.81
घी  2.51

ग्रामीण इलाकों में इन उत्पादों के दाम हुए कम

उत्पाद  गिरावट (फीसदी में)
ताजे फल  20.6
मछली  2.8
गेहूं  0.32

पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, नए आधार वर्ष के हिसाब से सबसे कम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जुलाई में, 8.4 फीसदी था, जो सितंबर में बढ़कर 11.37 फीसदी हो गया है.

डाटा के मुताबिक, शहरी सीपीआई में 35 शहर और 356 उपभोक्ता वस्तुओं को ध्यान में रखा गया है. इसमें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सितंबर में साल-दर-साल 11.6 फीसदी बढ़ी है. वहीं ग्रामीण इलाकों के 27 रूरल सेंटर और 244 वस्तुओं को ध्यान में रखा गया है. इसमें 11.1 फीसदी की बढ़त हुई है.

और पढ़ें:वाराणसी में जल सैलाब का कहर जारी, लोग अभी भी घरों मे कैद, नगर निगम ने कहा- माफ करो

IMF के अनुसार इतनी बढ़ेगी महंगाई

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, पाकिस्तान में महंगाई 13 फीसदी बढ़ेगी. लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह दर 11 फीसदी है. 11 फीसदी की दर पिछले महीने ही पार हो गई थी.

अगस्त 2018 से लगातार गिरावट के दौर में अर्थव्यवस्था

जब से इमरान खान ने सत्ता संभाली है, तब से लेकर अभी तक मुल्क की अर्थव्यवस्था में किसी तरह का विकास देखने को नहीं मिला है. वहां की जनता लगातार महंगाई की मार झेल रही है. सत्ता संभालने के बाद इमरान खान सरकार ने लोगों को नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था. लेकिन लोगों को नया पाकिस्तान में केवल बढ़ती महंगाई का दंश लगातार महसूस हो रहा है.

यह है अर्थव्यवस्था का हाल

· जीडीपी अगस्त 2018 में 5.5 फीसदी थी, जो अब 3.3 फीसदी हो गई है.

· पाकिस्तानी रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है, जिससे एक-पांचवा हिस्सा खो चुका है.

· महंगाई दर के अगले एक साल में 13 फीसदी के पार जाने की संभावना है, जो कि दस साल का उच्चतम स्तर है.

· राजकोषीय घाटा जीडीपी का 7.1 फीसदी है, जो सात साल का उच्चतम स्तर है.

· ग्रॉस पब्लिक डेट जीडीपी का 77.6 फीसदी है.

· विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 51.7 फीसदी गिर गया है.

· विदेशी निजी निवेश में 64.3 फीसदी की गिरावट है.

और पढ़ें:मालिक ने की चोरी और पुलिस पकड़कर ले गई तोते को, माजरा हैरान करने वाली

ये है कारण

पाकिस्तान ऋण को चुकाने के लिए और अधिक ऋण ले रहा है. आईएमएफ, चीन और सऊदी अरब से लोन मिलने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. इसके अलावा सरकारी कंपनियों को भी लगातार घाटा हो रहा है. पाकिस्तान में केवल एक फीसदी लोग ही टैक्स जमा करते हैं. यह पूरी दुनिया में सबसे कम टैक्स और जीडीपी (11 फीसदी) का अनुपात है.