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इमरान खान के लिए मुसीबतें और बढ़ीं, आतंक पर झूठ बोलने की सजा मिलनी तय

एशिया-पैसिफिक ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) ने भी पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग (Terror Funding) पर अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिससे इमरान खान सरकार पर संकट और बढ़ गया है.

Updated on: 07 Oct 2019, 06:59 AM

highlights

  • एपीजी ने भी पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग-टेरर फंडिंग पर अपनी रिपोर्ट जारी की.
  • FATF की वार्षिक बैठक से हफ्ते भर पहले जारी रिपार्ट से 'ग्रे लिस्ट' में शामिल होने का खतरा बढ़ा.
  • आतंक की फंडिंग रोक पाने में विफल रहने पर 2018 में 'ग्रे लिस्ट' में डाला था.

नई दिल्ली:

भारत के लिए इसे एक अच्छी खबर कहा जा सकता है कि एशिया-पैसिफिक ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) ने भी पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग (Terror Funding) पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 को लागू करने के लिए ईमानदारी से कदम नहीं उठाए. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधिंत आतंकवादियों, हाफिज सईद, मसूर अजहर और एलईटी, जेयूडी व एफआईएफ जैसे आतंकी संगठनों को लेकर नरमी बरती और ठोस कार्रवाई नहीं की. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वार्षिक बैठक से एक हफ्ते पहले जारी की गई है इस रिपार्ट के बाद पाकिस्तान पर एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' में शामिल होने का खतरा बढ़ गया है.

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प्रतिबंधित होने का अब खतरा कई गुना बढ़ा
गौरतलब है कि 13 से 18 अक्टूबर को एफएटीएफ की मीटिंग होनी है, जिसमें टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान पर फैसला लिया जाएगा. हालांकि एपीजी की इस नई रिपोर्ट ने पाकिस्तान (Pakistan) को तगड़ा झटका दिया है. इससे अब उसके ब्लैक लिस्ट (Black List) होने का खतरा दोगुना बढ़ गया है. शनिवार को एपीजी की रिपोर्ट में पाकिस्तान हर मोर्चे पर फिसड्डी साबित हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 मानदंडों में पाकिस्तान 9 में फिसड्डी साबित हुआ है जबकि एक में उसे 'मध्यम' स्थान प्राप्त हुआ है. इस बात का खुलासा एपीजी की म्यूचुअल इवॉल्यूशन रिपोर्ट में हुआ है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 को लागू करने के लिए सही कदम नहीं उठाए गए. पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा (LeT), जमात-उद-दावा (JUD) व फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) और इनके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है. एपीजी, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की क्षेत्रीय बॉडी है.

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2018 से है ग्रे लिस्ट में
गौरतलब है कि FATF ने पाकिस्तान को आतंक की फंडिंग रोक पाने में विफल रहने पर 2018 में 'ग्रे लिस्ट' में डाला था. इससे पहले वह 2012 से 2015 तक ग्रे लिस्ट में रहा. उस वक्त पाकिस्तान ने 15 महीने का ऐक्शन प्लान रखा, जिसमें उसने बताया कि टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए उन्होंने क्या-क्या उपाय किए हैं? एपीजी की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिकूल तथ्य पाए जाने के बाद अक्टूबर 2019 से उसे नकारात्मक रडार पर रखा जाएगा. इसके मायने हैं कि पाक के लिए दिक्कतें और बढ़ेंगी. वो संदिग्ध सूची में बना रहेगा. 228 पेज की इस रिपोर्ट के आधार पर ही अगले हफ्ते पाकिस्तान की एफएटीएफ रैंकिंग पर फैसला होगा.