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दवाइयों के लिए भी भारत का मोहताज है कंगाल पाकिस्तान, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

पाकिस्तान का राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) रेबीज-रोधी और विष-रोधी दवाओं का उत्पादन देश में मांग के अनुसार करने में सक्षम नहीं है तो पाकिस्तान इन दवाओं के आयात के लिए भारत पर निर्भर है.

Updated on: 27 Jul 2019, 01:46 PM

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान का राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) रेबीज-रोधी और विष-रोधी दवाओं का उत्पादन देश में मांग के अनुसार करने में सक्षम नहीं है तो पाकिस्तान इन दवाओं के आयात के लिए भारत पर निर्भर है. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र द नेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने पिछले छह महीनों में भारत से 2.56 अरब रुपये की दवाइयां आयात की हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की निर्माण इकाइयां देश में दवाइयों की खपत के अनुसार उत्पादन नहीं करती हैं.

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'द नेशन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के पास देश में इनके लिए पाई जाने वाली मांग के अनुरूप इन्हें बनाने की क्षमता नहीं है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि बीते 16 महीने में पाकिस्तान ने भारत से 2.56 अरब पाकिस्तानी रुपये मूल्य की रेबीज- रोधी और सांप विष-रोधी वैक्सीन भारत से आयात की हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सीनेटर रहमान मलिक ने भारत से आयात होने वाली दवाओं की गुणवत्ता और रेबीज-रोधी और सांप विष-रोधी वैक्सीन बनाने के लिए सरकारी विभागों की क्षमता के बारे में सवाल पूछा था.

इसके साथ ही बता दें कि पाकिस्तान में पचास फीसदी परिवार ऐसे हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं हो रही है. चालीस फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. बलूचिस्तान और सिंध में बच्चों में कुपोषण की समस्या इस हद तक है कि उनका पूरा विकास नहीं हो रहा है और उनका कद कम रह जा रहा है.

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पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, यह जानकारियां राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण- 2018 के तहत जारी की गई हैं. यह सर्वेक्षण पूरे पाकिस्तान में कराया गया था. इससे पता चला कि देश में पोषण के मामले में हालात चिंताजनक हैं.