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इमरान खान...कभी अपनी गिरहबान में झांककर देखो, चले हैं हमें नसीहत देने

वैसे तो जब जम्मू कश्मीर से जब Article 370 और 35A को हटाया गया था तब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए रहनुमा बन कर दिखाने की कोशिश करता था. इसके पहले भी पाकिस्तान हमेशा ये दिखाता आया है कि अल्पसंख्यकों के लिए तो पाकिस्तान स्वर्ग है.

Updated on: 04 Jan 2020, 02:31 PM

नई दिल्ली:

वैसे तो जब जम्मू कश्मीर से जब Article 370 और 35A को हटाया गया था तब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए रहनुमा बन कर दिखाने की कोशिश करता था. इसके पहले भी पाकिस्तान हमेशा ये दिखाता आया है कि अल्पसंख्यकों के लिए तो पाकिस्तान स्वर्ग है. वहां के अल्प संख्यक जिनमें हिंदू सहित कई और धर्म के लोग भी आते है, वो अपनी जिंदगी बड़े ही ऐशो आराम से काट रहे हैं लेकिन हर बार पाकिस्तान का ये झूठ पकड़ा जाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दरअसल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुद्वारा ननकाना साहिब को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने चारों ओर से घेर लिया।

प्रदर्शनकारियों ने कथित जबरन धर्म परिवर्तन मामले में संदिग्धों की रिहाई की मांग को लेकर ऐसा किया। डॉन न्यूज के मुताबिक, हालांकि प्रदर्शनकारियों ने सरकारी प्रतिनिधियों के साथ सफल वार्ता के बाद शुक्रवार कई घंटों के बाद शाम को वहां से हट गए और गिरफ्तार लोगों को रिहा कर दिया गया।

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इस प्रदर्शन की अगुवाई एक व्यक्ति एहसान के परिवार ने किया था, जिस पर इस साल के शुरू में एक सिख लड़की, जगजीत कौर का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया था।

आइये जानते हैं कि पाकिस्तान में पूजा स्थलों की स्थिति क्या है-

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की मौजूदा आबादी
· पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की मौजूदा आबादी 3.73 %
· अल्पसंख्यकों में हिन्दुओं की कुल आबादी 1.60 %
· सबसे ज़्यादा हिन्दू आबादी 6.51 % सिंध प्रांत में
· 1947 में पाकिस्तान { बांग्लादेश जोड़कर } कुल आबादी 23 %
· 1981 में अल्पसंख्यकों की कुल आबादी 3 .44 % थी
· 1981 में हिन्दुओं की कुल आबादी 1 .57 % थी
पाकिस्तान में ईसाइयों पर हुए हमले
· दिसंबर 2017 में क्वेटा के एक चर्च पर हुए हमले में नौ लोग मारे गए और 57 घायल हुए.
· मार्च 2016 में लाहौर के एक पार्क में ईस्टर मना रहे ईसाइयों पर हुए हमले में 70 लोग मारे गए और 340 से ज़्यादा घायल हुए.
· मार्च 2015 में लाहौर के चर्चों में हुए दो बम धमाकों में 14 लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हुए.
· 2013 में पेशावर के चर्च में हुए दो बम धमाकों में कम से कम 80 लोग मारे गए थे.
· 2009 में पंजाब के गोजरा क़स्बे में भीड़ ने ईसाइयों के घरों पर हमला किया. 40 से घर जला दिए गए और नौ लोग मारे गए.
अल्पसंख्यकों के खिलाफ किस तरह की हिंसा
· ये हिंसा हर स्तर पर होती है. संपत्ति हड़पने से लेकर घर की महिलाओं के साथ बदसलूकी तक
· हिंदू महिलाओं और लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में खासी बढोतरी हुई है
· अपहरण के बाद उनका धर्म बदलकर उनकी शादी मुस्लिम युवकों से कर दी जाती है.
· अल्पसंख्यकों को नौकरियों से लेकर व्यावसायिक क्षेत्र तक में धर्म के नाम पर निशाना बनाया जाता है .
· अल्पसंख्यकों के साथ पाकिस्तान में दोयम दर्जे के नागरिकों सरीखा व्यवहार हो रहा है.

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SIKHS IN PAKISTAN
· पाकिस्तान की लगभग 20 करोड़ की आबादी में सिखों की तादाद छह हजार के आसपास है जबकि विभाजन से पहले वहां सिखों की बड़ी आबादी रहती थी.
· पाकिस्तान में जो सिख बचे हैं , उनकी स्थिति आज बहुत अच्छी नहीं है.
· उन्हें धार्मिक , सामाजिक और आर्थिक आधार पर कई तरह भेदभावों का सामना करना पड़ता है.
· पहचान छिपाकर जिन्दा हैं सिख
· पाकिस्तान के पेशावर में स्थिति ऐसी है कि सिख समुदाय के लोग जान बचाने के लिए बालों को काटने और पगड़ी पहनने से परहेज कर रहे हैं .
· सिख समुदाय के लिए एक और बड़ी समस्या पेशावर में उनके लिए श्मशान के भूमि न होना है .
· बर पख्तुनख्वा सरकार ने पिछले साल श्मशान के लिए धन आवंटित किया लेकिन अभी तक कोई निर्माण शुरू नहीं हुआ है .
· स्थानीय मीडिया के अनुसार पाकिस्तानी सरकार यह स्वीकार नहीं कर रही है कि सिख समुदाय को इसके समर्थन और सुरक्षा की आवश्यकता है .

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पाकिस्तान में पूजा स्थलों की स्थिति
· एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 के आंकड़ों में सामने आया था कि यहां 95 फीसदी हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा चुका है। आंकड़ों के अनुसार साल 1990 के बाद से अल्पसंख्यकों के 428 पूजा स्थलों में से 408 को नष्ट कर , वहां समाधि , शौचायल , टॉय स्टोर , रेस्टोरेंट , सरकारी ऑफिस और स्कूल आदि बनाए गए हैं।
· केवल 20 ही पूजा स्थल ऐसे हैं जहां पूजा की जा रही है। अगर कहीं कोई मंदिर बचे भी हैं तो उनतक पहुंचने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। ताकि वहां कोई पूजा करने न जा सके।
· एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार डेरा इस्माइल खान में स्थित काली बाड़ी हिंदू मंदिर को एक मुस्लिम को किराए पर दिया गया है। वो लोग उस मंदिर का एक ताज होटल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। एक और हैरान करने वाली बात ये है कि हिंदुओं में अगर किसी की मौत हो जाती है तो उन्हें मृतक को अंतिम संस्कार के लिए जलाने नहीं देते। उन्हें मृतक को दफनाने पर मजबूर किया जाता है।
· पाकिस्तान के कराची में स्थित वरुण मंदिर को अब शौचालय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना है। यह मंदिर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पुराना और सबसे बड़ा हिंदू देवता को समर्पित मंदिर है।
· यह मंदिर पाकिस्तान के लिए एक ऐतिहासिक धरोहर होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। डेली टाइम्स की साल 2008 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर का एक हिस्सा शौचालय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
· यहां साल 1950 में हिंदुओं ने आखिरी बार लाल साईं वरुण देव का त्योहार मनाया था। मंदिर की देखरेख करने वाले जीवरीज का कहना है कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का यहां कोई सम्मान नहीं किया जाता। बाद में जब ये खबर दुनियाभर में फैली तो मंदिर की बहाली की खबरें सामने आईं।
· किसी जमाने में पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा जिले के कर्क में एक छोटे से गांव टेरी में कृष्ण द्वार नाम का मंदिर हुआ करता था। आज इस स्थान पर समाधि बन चुकी है। यहां मंदिर का कोई नामोनिशान नहीं बचा है। यह जगह चारों ओर से मकान से घिरी है और यहां पहुंचने के रास्ते भी बंद हैं।
· पाकिस्तान में केवल हिंदू मंदिरों को नष्ट कर उनके स्थान पर कारोबारी और अन्य तरह की गतिविधियां ही नहीं बढ़ाई जा रहीं बल्कि उनपर हमले भी हो रहे हैं। आए दिन इन मंदिरों पर हमले किए जाते हैं। जिसका शिकार भी हिंदू ही बनते हैं।
· ऐसा ही एक मामला 28 मार्च , साल 2014 का है। उस दिन पाकिस्तान के हैदराबाद के एक कारोबारी इलाके फतेह चौक के प्रसिद्ध हिंदू मंदिर में तीन नकाबपोशों ने हमला किया था। इस इलाके के आसपास बड़ी तादाद में हिंदू रहते हैं। इस मंदिर में पेट्रोल फेंककर आग लगाई गई थी।
· एबटाबाद में गुरुद्वारा गली कभी सिखों के लिए तीर्थ स्थल हुआ करती थी। लेकिन अब यहां कपड़ों की दुकानें खुल गई हैं। वहीं पेशावर में स्थित ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को अब स्कूल में बदल दिया गया है। इस्लामाबाद में स्थित राम कुंड मंदिर को पिकनिट स्पॉट बनाया गया है। अगर किसी मंदिर में हिंदू पूजा करने जाते भी हैं तो वहां मुस्लिम लोग अपने सामान को रखने की जगह बना लेते हैं , वहां वह अपने जानवरों को खुला छोड़ देते हैं। शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती।