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पाकिस्‍तान के दोस्त तुर्की पर संकट, ट्रंप ने दी बर्बाद करने की धमकी

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा है कि तुर्की (Turkey) सीरिया के मामले में हद पार न करे.

Updated on: 08 Oct 2019, 06:59 PM

नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान (Pakistan) का दोस्‍त तुर्की (Turkey) अब संकट में घिरने वाला है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने तुर्की (Turkey) को उसकी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद करने की धमकी दी है. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा है कि तुर्की (Turkey) सीरिया के मामले में हद पार न करे. व्हाइट हाउस के जरिए जारी एक बयान के मुताबिक तुर्की (Turkey) उत्तरी सीरिया में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है. हालांकि इस मिशन में अमेरिकी सैनिक उसके साथ शामिल नहीं है.

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने धमकी देते हुए ट्वीट कर कहा है, 'मैंने पहले भी मजबूती से कहा है और एक बार फिर से दोहरा रहा हूं, अगर तुर्की (Turkey) कुछ भी ऐसा करता है जो मेरे नजरिए में हद से पार हुआ तो मैं तुर्की (Turkey) की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दूंगा (मैंने पहले किया है!).'

ट्रंप ने कहा, 'उसे पकड़े गए आईएसआईएस के लड़ाकों और परिवारों पर नजर रखनी चाहिए. यूएस ने 100% आईएसआईएस खलीफाई पकड़ने समेत हमेशा अपेक्षा से ज्यादा किया है. अब यहां खुद के क्षेत्र की रक्षा करने का वक्त है. अमेरिका महान है!'

दरअसल, तुर्की (Turkey) की सीमा से अमेरिका ने अपने सैनिक हटा लिए हैं. जिसके बाद से वहां सिर्फ कुर्द ही बच गए हैं. ये आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के साथ खड़े थे. हालांकि अब माना ये जा रहा है कि तुर्की (Turkey) की सेना यहां के कुर्द लड़ाकों पर हमला कर सकती है.

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आईएसआईस के खिलाफ लड़ाई में कुर्दों ने अमेरिका की काफी मदद की थी. हालांकि तुर्की (Turkey) कुर्दों को हटाना चाहता है. तुर्की (Turkey) कुर्दों को आतंकवादी मानता है. तुर्की (Turkey) का कहना है कि कुर्द तुर्की (Turkey) में सक्रिय अलगाववादी संगठनों की मदद करते हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के जरिए उत्तरी सीरिया की सीमा से अमेरिकी सशस्त्र बलों को हटाए जाने के फैसले पर काफी आलोचना हुई थी. वहीं ट्रंप ने बचाव में कहा था कि अमेरिका अपने हिस्से का काम कर चुका है. अब दूसरे लोग अपने हिस्से का काम करेंगे.

पाकिस्तान-तुर्की का भारत विरोधी रुख

भारत और तुर्की के बीच राजनयिक संबंध हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से तुर्की की नीतियां जितनी अधिक पाक उन्मुख होती जा रही हैं, वह उसे उतना ही भारत के विपक्ष में खड़ा कर रही हैं.तुर्की ने हाल ही में कश्मीर स्वतंत्रता के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय समझौते में अपनी भूमिका के बारे में अधिक जोर देने जैसे विवादस्पद सुझाव दिए हैं, जिन्हें भारत अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानता है और उन्हें सिरे से खारिज करता है.

फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान इमरान खान और एर्डोगान में लगातार चर्चा होती रही. एर्डोगान ने भारतीय सैन्य अधिकारी विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने के लिए खान के फैसले की प्रशंसा की थी.

इस प्रकार इस संघर्ष में पाकिस्तान को कूटनीतिक बढ़त दिलाने का प्रयास किया. इसके साथ ही साथ आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन में भारत के खिलाफ सतत गुटबाजी करने में टर्की पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी है. तुर्की ने भारत के साथ अपने संबंधों को हमेशा पाकिस्तान के चश्मे से देखा. पाकिस्तान के साथ-साथ उसकी नीतियां भारत की तुलना में चीन के साथ तुर्की के संबंधों को प्राथमिकता देती है.

तुर्की को लेकर पीएम मोदी का कड़ा संदेश

भारत ने कूटनीतिक स्तर पर तुर्की को को जवाब देने की तैयारी कर ली है. इसकी झलक पिछले महिनें न्यूयॉर्क में देखने को मिली. पीएम मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस के साथ मुलाकात की. पीएम मोदी ने आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाश्नियान के साथ द्विपक्षीय बैठक की. बातचीत के जरिए उन्होंने तुर्की को ये इशारा देने की कोशिश की कि अगर उसने पाकिस्तान का साथ दिया तो फिर उन्हें उसका जवाब मिल सकता है.

तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति की उग्रवादियों को चेतावनी- बिना वॉर्न किए किसी भी रात आ सकते हैं

  • तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कुर्द उग्रवादियों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'हम बिना चेतावनी दिए किसी भी रात आ सकते हैं.' राष्ट्रपति ने कहा कि सेना सीरिया में कुर्द उग्रवादियों के खिलाफ किसी भी समय ऑपरेशन शुरू करने के लिए तैयार है.मीडिया से बातचीत में एर्दोआन ने कहा कि इन आतंकवादी समूहों से खतरों को और अधिक बर्दाश्त करना हमारे सब्र से बाहर है.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भी तुर्की (Turkey) के समर्थन में आ गए थे . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सीरिया से लगती तुर्की (Turkey) की सीमा से अमेरिकी सैनिकों को हटाने के फैसले को सही ठहराया था . उन्होंने कहा था कि क्षेत्र को स्थिति से खुद निपटना होगा और अमेरिका को इस 'बेतुकी अंतहीन युद्ध' से बाहर निकलने की जरूरत है.
  • 6 अक्टूबर को अमेरिका ने सीरिया की उत्तरी सीमा के अहम ठिकानों से अपने सैनिकों को हटाने की घोषणा की थी. यह नीति में बड़े परिवर्तन को दिखाता और तथाकथित इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह के खिलाफ वर्षों की लड़ाई में अमेरिकी के मुख्य सहयोगी रहे कुर्दों को मंझदार में छोड़ता है.
  • ट्रंप ने ट्वीट किया कि तुर्की, यूरोप, सीरिया, ईरान, इराक, रूस और कुर्दों को स्थिति से खुद निपटना होगा और वे अपने-अपने क्षेत्रों से पकड़े गए आईएस के लड़ाकों के साथ जो करना चाहते हैं, वो करें. उन्होंने कहा कि ज्यादातर युद्ध कबायलियों के बीच हो रहे हें और इस ‘बेतुके अंतहीन युद्ध’ से निकलने का वक्त है और हमें सैनिकों को वापस घर बुलाना है. हम वह लड़ाई लड़ते हैं जो हमारे हित की होती है और सिर्फ जीतने के लिए लड़ते हैं.