पाकिस्तान में हाहाकार, महंगाई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, नींबू बिक रहा 400 रुपए किलो
पाकिस्तान के अर्थशास्त्री मौजूदा दौर की तुलना सन् 2008 में आई मंदी से कर रहे हैं. आर्थिक मामलों के जानकार कह रहे हैं कि अगले कुछ महीनों में महंगाई दर 10 प्रतिशत के पार पहुंच सकती है.
highlights
- पाकिस्तानी रुपए डॉलर के मुकाबले पहुंचा 150 के आसपास.
- दूध, मीट, चिकन और मसालों के दाम सातवें आसमान पर.
- सोमवार को सेंट्रल बैंक उठा सकता है कई बड़े कदम.
इस्लामाबाद.:
शुक्रवार को कराची स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) ऐसा टूटा कि पलक झपकते ही 1000 करोड़ रुपए डूब गए. शनिवार को भी इसका असर देखने में आया जब महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी. आलम यह है कि पाकिस्तान के अर्थशास्त्री (Economist) मौजूदा दौर की तुलना सन् 2008 में आई मंदी से कर रहे हैं. आर्थिक मामलों के जानकार कह रहे हैं कि अगले कुछ महीनों में महंगाई दर 10 प्रतिशत के पार पहुंच सकती है. इस बीच सोमवार को केंद्रीय बैंक आर्थिक हालात को काबू में लाने के लिए कुछ बड़े कदमों का ऐलान कर सकता है.
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17 सालों में शेयर बाजार की सबसे बड़ी गिरावट
गौरतलब है कि शुक्रवार को पाकिस्तान के शेयर बाजार (Share Market) में 17 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. वहीं, सिर्फ दो दिन में पाकिस्तान का रुपया एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3 रुपये तक कमजोर हो गया है. इस वक्त एक पाकिस्तानी रुपए की कीमत एक डॉलर के सापेक्ष डेढ़ सौ के आसपास चल रही है. महंगाई बढ़ने से रोजाना की जरूरतों की चीजों में भी जबर्दस्त उछाल देखने में आ रहा है. आलम यह है कि नींबू, दूध जैसी चीजों के दाम भी आसमान छू रहे हैं.
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रमजान पर भारी महंगाई
पाकिस्तान की खस्ताहाल हालत (Disastrous State) अब लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है. पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. इस वजह से वहां पर खाने-पीने और अन्य जरूरी चीजों की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं. इसकी वजह से एक दर्जन संतरे 360 रुपये, तो नींबू और सेब की कीमत 400 रुपये किलो तक हो गई है. आलम ये है कि पाकिस्तान के लोग ही अब वहां के बदत्तर हो रहे आर्थिक हालात और आसमान छूती महंगाई (Inflation) को सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया को बता रहे हैं. यहां पर महंगाई का आलम ये है कि रमजान के पवित्र माह में महंगाई लोगों पर भारी पड़ रही है. पिछले सप्ताह रमजान माह की शुरुआत में ही यहां पर सरकार ने गैस और तेल के दामों में जबरदस्त वृद्धि की थी. इसकी वजह से भी यहां पर चीजों के दाम अचानक बढ़ गए हैं.
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खाना-पीना हुआ दुश्वार
महंगाई सरकार के काबू से बाहर हो चुकी है. 150 रुपये दर्जन केले, मटन 1100 रुपये किलो, चिकन 320 रुपये किलो और एक लीटर दूध के लिए लोगों को 120 से 180 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं. मार्च के मुकाबले अब प्याज की कीमत में करीब 40 फीसदी, टमाटर 19 फीसदी, चिकन 16 फीसदी मूंग की दाल 13 फीसदी, ताजे फल 12 फीसदी गुड़ तीन फीसदी, चीनी 3 फीसदी, बींस डेढ़ फीसदी, मछली, मसाले व अन्य दालें, घी चावल, बेकरी से बने उत्पाद, आटा, कुकिंग ऑयल, चाय, गेंहू की कीमतों में एक-सवा फीसदी की तेजी देखने को मिली है.
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केंद्रीय बैंक उठा सकता है बड़े कदम
पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, सेंट्रल बैंक (Central Bank) सोमवार को ब्याज दरों पर फैसला लेगा. पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि 10 मई को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Reserve) 13.80 अरब करोड़ डॉलर घटकर 8.846 अरब डॉलर बचा है. इस रकम से पाकिस्तान तीन महीने से भी कम की जरूरी सामान खरीदा जा सकता है. अभी पाकिस्तान 8 फीसदी की महंगाई दर का सामना कर रहा है. वहां बिजली के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल, गैस जैसे ईंधन के दाम आसमान छू रहे हैं.
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