पाकिस्तान में खुले घूम रहे आतंकी, दुनिया की नजर में पाक ने कर रखा है नजरबंद
पाकिस्तान (Pakistan) का झुठ एक बार फिर से बेनकाब हुआ है. जहां पाकिस्तान दुनिया के सामने ये दर्शाता है कि वो आतंक के खिलाफ कार्रवाई करता है लेकिन पीछे से वो आतंक को सपोर्ट करता दिखाई देता है.
highlights
- पाकिस्तान (Pakistan) का झुठ एक बार फिर से बेनकाब हुआ है.
- जहां पाकिस्तान दुनिया के सामने ये दर्शाता है कि वो आतंक के खिलाफ कार्रवाई करता है.
- लेकिन पीछे से वो आतंक को सपोर्ट करता दिखाई देता है. इस बार भी पाकिस्तान इसी तरह से पकड़ा गया है.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान (Pakistan) का झुठ एक बार फिर से बेनकाब हुआ है. जहां पाकिस्तान दुनिया के सामने ये दर्शाता है कि वो आतंक के खिलाफ कार्रवाई करता है लेकिन पीछे से वो आतंक को सपोर्ट करता दिखाई देता है. इस बार भी पाकिस्तान इसी तरह से पकड़ा गया है. पाकिस्तान ने एक बार फिर से ये जता दिया है कि आतंकवाद (Terrorism) उसकी राष्ट्रीय नीति का अटूट हिस्सा है. दरअसल पाकिस्ता में जैश ए मोहम्मद के सुप्रीम कमांडर मौलाना अब्दुल रऊफ अज़हर सहित दूसरे आतंकवादियों को (Terrorism) पाकिस्तान (Pakistan) ने खुला छोड़ रखा है. जबकि दुनिया के सामने पाकिस्तान ने दावा किया हुआ है कि इन आतंकियों को उसने नजरबंद कर रखा है. ISI एक बार फ़िर से बालाकोट में आतंकवादियों (Terrorism) के कैम्पों को शुरू करना चाहती है.
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2019 का साल खासतौर पर पाकिस्तान (Pakistan) की आतंक की फैक्ट्रियों के लिए बुरा रहा. फरवरी में पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकियों (Terrorism) के कैम्पों को तबाह कर दिया गया. इस हमले में बड़ी तादाद में आतंकवादी (Terrorism) और उनके ट्रेनर्स मारे गए. इसके बाद भी सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकवाद (Terrorism) के ख़िलाफ कार्रवाई तेज़ रखी और कश्मीर में बड़े आतंकवादियों (Terrorism) का सफाया कर दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कैम्प में आतंकवाद (Terrorism) की ट्रेनिंग लेने वालों और उन्हें ट्रेंड करने वालों की अलग-अलग लोकेशन तक बनाए जाने की बात कही जा रही है. मौलाना युसुफ अज़हर को बालाकोट को दोबारा सक्रिय करने की ज़िम्मेदारी दी गई है. फरवरी 2019 में बालाकोट में भारतीय वायुसेना (Indian Air force) के हमले के दौरान युसुफ़ अज़हर वहीं मौजूद था और शुरुआत में उसके मारे जाने की ख़बरे भी आने लगी थीं लेकिन बाद में पता चला कि वो सुरक्षित बच गया था.
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इसके अलावा बहुत अच्छे से प्रशिक्षित आत्मघाती आतंकवादियों (Terrorism) के एक गिरोह में तैयार किया गया है जो फरवरी में घुसपैठ करेगा. इस गिरोह को खासतौर पर कश्मीर में बड़े हमले करने को कहा गया है.
इस समय हिज़बुल मुजाहिदीन, लश्करे तैयबा और जैशे मोहम्मद जैसे आतंकवादी (Terrorism) गिरोह का असर लगभग गायब हो गया है. यही नहीं लंबे अरसे के बाद आतकंवादी गिरोहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में भी भारी कमी आई.
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