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धारा 370 पर पाकिस्‍तान को नहीं मिला किसी का साथ, मुस्‍लिम देश भी नहीं आए संग

केंद्र सरकार ने सोमवार को जो इतिहास रचा, उससे जहां एक ओर देशभर में खुशी का माहौल है, वहीं पाकिस्‍तान को अभी तक यही समझ नहीं आया है कि वह आखिर करे क्‍या.

Updated on: 06 Aug 2019, 02:46 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार ने सोमवार को जो इतिहास रचा, उससे जहां एक ओर देशभर में खुशी का माहौल है, वहीं पाकिस्‍तान को अभी तक यही समझ नहीं आया है कि वह आखिर करे क्‍या. पाकिस्‍तान ने पहले तो भारत को गीदड़ भभकी दी, उसके बाद अपने मित्र देशों से मदद की गुहार लगाई है. हालांकि, यह बात और है कि कोई भी देश पाकिस्‍तान के साथ नहीं आया. पूरे मामले में पाकिस्‍तान अलग थलग पड़ चुका है. सोमवार को धारा 370 हटने के बाद पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ने कहा था कि जम्‍मू कश्‍मीर अंतरराष्‍ट्रीय तौर पर विवादित क्षेत्र है. 
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इसका एक पक्ष होने के नाते पाकिस्‍तान इस कदम का विरोध करेगा. हालांकि, धारा हटे दो दिन का वक्‍त हो चुका है, लेकिन चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने इस भारत का अंतरिक मामला माना है. यूएस विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखे हैं. उन्होंने दोनों पक्षों से सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की.
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जहां एक ओर चीन ने पाकिस्‍तान का साथ छोड़ दिया है, वहीं तुर्की पाक साथ खड़ा होते दिख रहा है. पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान को सोमवार को फोन कर मदद मांगी और उन्होंने भारतीय अधिकृत कश्मीर में बदलते हालातों पर मदद देने का भरोसा जताया.