logo-image

FATF में पाकिस्‍तान को नहीं मिला किसी देश का साथ, ब्‍लैक लिस्‍ट होने का खतरा बढ़ा

आतंकवाद और आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई में ढिलाई साबित होने पर FATF पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट भी कर सकता है. FATF की ओर से ब्‍लैकलिस्‍ट होने का मतलब यह है कि उसे आईएमएफ (IMF) और विश्व बैंक (World BAnk) से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.

Updated on: 15 Oct 2019, 09:27 AM

highlights

  • 18 अक्‍टूबर को होना है पाकिस्‍तान पर फैसला
  • लापरवाही साबित हुई तो ब्‍लैकलिस्‍ट हो जाएगा आतंकिस्‍तान
  • ब्‍लैकलिस्‍ट होने पर नहीं मिल पाएगी अंतरराष्‍ट्रीय सहायता 

नई दिल्‍ली:

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ-FATF) में पाकिस्तान (Pakistan) को किसी भी देश का समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को अब डार्क ग्रे लिस्ट (Dark Grey List) में रखा जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक डॉजियर (Dozier) शुक्रवार को एफएटीएफ (FATF) को सौंपने वाला है. इसके बाद एफएटीएफ (FATF) की ओर से पाकिस्‍तान पर फैसला लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें :Indian Railway: रेल यात्रियों को मिलने जा रही बड़ी सौगात, कई ट्रेनें होंगी शुरू

पाकिस्‍तान को ब्‍लैकलिस्‍ट करना है या नहीं, इसी हफ्ते एफएटीफ की समीक्षा बैठक में यह फैसला होना है. बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान इस बैठक में एफएटीएफ को एक डॉजियर सौंपकर बताएगा कि उसने आतंकवादियों के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की है. इसमें आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी बताया जाएगा. पेरिस में चल रही बैठक में शुक्रवार को पाकिस्तान पर फैसला आना है. पाकिस्तान को एफएटीएफ के ज्यादातर देशों का साथ मिलता नहीं दिख रहा है.

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ एफएटीएफ बड़ी कार्रवाई कर सकता है और उसे 'डार्क ग्रे' लिस्ट में डाल सकता है. एफएटीएफ के नियमों के मुताबिक, ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीच डार्क ग्रे की भी श्रेणी है. ऐसा होने पर पाकिस्तान को यह कड़ी चेतावनी होगी कि वह एक अंतिम अवसर में खुद को सुधार ले, वर्ना उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : 40,000 लोगों की हत्‍या का जिम्‍मेदार है अनुच्‍छेद 370, बोले गृह मंत्री अमित शाह

बताया जा रहा है कि एफएटीएफ के सभी देश पाकिस्तान से किनारा कर सकते हैं क्योंकि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरत रहा है. बता दें कि चीन के जियांगमिन ल्यू की अध्यक्षता में एफएटीएफ का यह पहला अधिवेशन है.

FATF का फैसला अगर पाकिस्‍तान के खिलाफ गया तो पीएम इमरान खान के लिए वैश्‍विक मोर्चों पर यह बड़ा झटका साबित होगा. आतंकवाद और आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई में ढिलाई साबित होने पर FATF पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट भी कर सकता है. FATF की ओर से ब्‍लैकलिस्‍ट होने का मतलब यह है कि उसे आईएमएफ (IMF) और विश्व बैंक (World BAnk) से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी.