इमरान खान सरकार और पाकिस्तान सेना को चीफ जस्टिस खोसा ने सुनाई खरी-खोटी
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा शुक्रवार आधी रात रिटायर हो गए. इससे पहले उन्होंने पाक सेना और इमरान सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि वह बगैर किसी के प्रति दिल में मैल रखे साफ मन से संस्थान को छोड़ रहे हैं.
highlights
- मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने रिटायरमेंट से पहले इमरान सरकार और पाक सेना को खरी-खोटी सुनाई.
- जनवरी में पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश की जिम्मेदारी ली थी और वह 22 साल तक न्यायपालिका में कार्यरत रहे.
- परवेज मुशर्रफ को फांसी से पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना और इमरान खान सरकार फैसले से नाखुश है.
New Delhi:
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुना कर आलोचनाओं के केंद्र में आए मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने अपने रिटायरमेंट से पहले इमरान खान सरकार और पाकिस्तानी सेना को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने बगैर लाग-लपेट के कहा कि निहित स्वार्थवश पूर्व तानाशाह को फांसी की सजा देने पर उनके और न्यायपालिका के खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित अभियान चलाया गया. गौरतलब है कि मुशर्रफ को वर्ष 2007 में संविधान को निष्प्रभावी करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना और इमरान खान सरकार इस फैसले से नाखुश है.
यह भी पढ़ेंः सीएए विरोधी प्रदर्शनों को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की यह बात प्रशांत किशोर को गुजर रही नागवार
शुक्रवार आधी रात रिटायरमेंट से पहले साधा निशाना
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा शुक्रवार आधी रात रिटायर हो गए. इससे पहले उन्होंने पाक सेना और इमरान सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि वह बगैर किसी के प्रति दिल में मैल रखे साफ मन से संस्थान को छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देशद्रोह के मामले में पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद उनके और न्यायपालिका के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान शुरू किया गया. 64 वर्षीय खोसा ने कहा कि न्यायपालिका और उन्होंने आलोचनाओं के बीच काम किया. गौरतलब है कि विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने देशद्रोह के मामले में छह साल चले मुकदमे के बाद मंगलवार को 76 वर्षीय परवेज मुशर्रफ की अनुपस्थिति में उन्हें मौत की सजा सुनाई.
यह भी पढ़ेंः बंद के नाम पर RJD कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, सवारियों से मारपीट कर बस और ऑटो तोड़े
कलम के जरिये अपीन बात कही
अपने सम्मान में एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति खोसा ने कहा, 'मैंने शत प्रतिशत काम करने का प्रयास किया और उससे अधिक जिम्मेदारी निभाई. कभी मैंने आवाज नहीं उठाई, कलम के जरिए बात कही, कभी भी न्याय में अनावश्यक देरी नहीं की और इतने साल जनता की सेवा में व्यय करने के बाद मैं अपनी पोशाक (न्यायमूर्ति की) को आज अपने बेदाग अंतरकरण के साथ उतार रहा हूं.' गौरतलब है कि पाकिस्तान के कानून मंत्री फरगोह नसीम ने कहा था कि जिस जज ने यह फैसला लिखा है वह दिमागी रूप से अस्वस्थ हैं और उन्हें काम करने से रोका जाना चाहिए.
यह भी पढ़ेंः खुलासा : सीलमपुर हिंसा में फेंके गए थे पेट्रोल-बम, हमलावर गिरफ्तार
22 साल तक की न्यायपालिका की सेवा
गौरतलब है कि खोसा ने जनवरी में पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश की जिम्मेदारी ली थी और वह 22 साल तक न्यायपालिका में कार्यरत रहे. उनके उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति गुलज़ार अहमद शनिवार को पाकिस्तान के 27वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे. प्रधान न्यायाधीश रहते खोसा ने ई-अदालत, ऑनलाइन हाई कोर्ट डाटा बेस की शुरुआत की वहीं अदालत की वेबसाइट को अपग्रेड किया, बाधारहित न्याय के लिए मोबाइल एप लॉन्च किया. वह उस पीठ में शामिल थे जिसने 2017 में तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में अयोग्य करार दिया था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें