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ओमान के सुल्तान काबूस का निधन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा की यादें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद के निधन पर शोक जताया और उन्हें 'दूरदर्शी नेता तथा राजनीतिज्ञ' बताया

Updated on: 11 Jan 2020, 12:34 PM

highlights

  • ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद का 79 वर्ष की अवस्था में निधन.
  • सुल्तान काबूस अविवाहित थे और उनका कोई वारिस या अधिकृत उत्तराधिकारी नहीं था.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुल्तान काबूस को भारत का सच्चा दोस्त बता दी श्रद्धांजलि.

नई दिल्ली:

ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद का 79 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया. वे अरब में सबसे ज्यादा शासन करने वाले सुल्तान थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद के निधन पर शोक जताया और उन्हें 'दूरदर्शी नेता तथा राजनीतिज्ञ' बताया, जिन्होंने ओमान को एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में बदल दिया. मोदी ने सुल्तान को 'शांति अग्रदूत' बताया. ओमान पर लगभग आधी सदी तक शासन करने वाले सुल्तान अविवाहित थे और उनका कोई वारिस या नामित उत्तराधिकारी नहीं था.

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अधी सदी तक किया शासन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लगभग आधी सदी तक ओमान पर शासन करने वाले सुल्तान काबूस अविवाहित थे और उनका कोई वारिस या अधिकृत उत्तराधिकारी नहीं था. सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सरकारी टीवी पब्लिक चैनल के ट्विटर के हवाले से कहा, 'रॉयल कोर्ट के दीवान ने शोक तथा तीन दिन तक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में आधिकारिक काम बंद करने तथा अगले 40 दिनों तक झंडा झुकाने की घोषणा की है.' बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेल्जियम में स्वास्थ्य जांच और इलाज के बाद पिछले महीने वे स्वदेश लौटे थे. ओमान में सर्वोच्च निर्णायक सुल्तान होता है. उसके पास प्रधानमंत्री, सैन्य बलों का सुप्रीम कमांडर होता है और उसके पास रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय होते हैं.

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पीएम मोदी ने भी जताया दुख
उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक साथ कई ट्वीट करते हुए कहा, 'महामहिम सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद के निधन का समाचार पाकर बहुत दुखी हूं. वे एक दूरदर्शी नेता और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने ओमान को आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदल दिया. वे हमारे क्षेत्र और दुनिया के लिए शांति के अग्रदूत थे.' प्रधानमंत्री ने सुल्तान काबूस को भारत का सच्चा दोस्त बताते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को विकसित करने के लिए मजबूत नेतृत्व प्रदान किया. मोदी ने कहा, 'मैं उनसे मिली गर्मजोशी और स्नेह को हमेशा संजोकर रखूंगा. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.'

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पिता का तख्तापलट कर संभाली थी गद्दी
सुल्तान काबूस ने 1970 में 29 वर्ष की अवस्था में ब्रिटेन के सहयोग से अहिंसक रूप से अपने पिता का तख्तापलट कर दिया था. उसके बाद उन्होंने देश की तेल संपदा का उपयोग कर उसे विकास के मार्ग पर अग्रसर किया था. सल्तनत के बेसिक स्टेट्यूट के अनुसार, खाली हुए पद को भरने के लिए 50 पुरुष सदस्यों वाली रॉयल फेमिली काउंसिल के सदस्यों को तीन दिन के अंदर नया सुल्तान चुनना चाहिए. परिवार अगर राजी नहीं होता है तो रक्षा परिषद के सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के चेयरमैन, सलाहकार परिषद और राज्य परिषद एक सीलबंद लिफाफा खोलेंगे, जिसमें सुल्तान काबूस ने गोपनीय रूप से अपनी पसंद का नाम रिकॉर्ड किया था. इसके बाद वे उस व्यक्ति को नए सुल्तान के रूप में नियुक्त कर देंगे.