मार्शल मैक्लुहान के 106वें जन्मदिन पर गूगल ने समर्पित किया डूडल
मार्शल मैक्लुहान के 106वें जन्मदिन के मौके पर शुक्रवार को गूगल ने अपना डूडल उनको समर्पित किया। 'ग्लोबल विलेज' (वैश्विक गांव) शब्द का पहली बार इस्तेमाल मैक्लुहान द्वारा ही किया गया था।
नई दिल्ली:
प्रख्यात दार्शनिक और कनाडाई मूल के प्रोफेसर मार्शल मैक्लुहान के 106वें जन्मदिन के मौके पर शुक्रवार को गूगल ने अपना डूडल उनको समर्पित किया। 'ग्लोबल विलेज' (वैश्विक गांव) शब्द का पहली बार इस्तेमाल मैक्लुहान द्वारा ही किया गया था।
वर्ल्ड वाइड वेब के अस्तित्व में आने से 30 साल पहले ही मैक्लुहान ने इसकी भविष्यवाणी कर दी थी और साथ ही इसके असर को भी बखूबी समझा था। उन्होंने इस बात का आभास भी पहले ही कर लिया था कि आने वाले समय में समाज का निर्माण टेक्नोलॉजी पर निर्भर करेगा।
हर्बर्ट मार्शल मैक्लुहान का जन्म 21 जुलाई 1911 में कनाडा के अल्बर्टा शहर में हुआ था। 1960 के दशक में जब टेलीविजन घरों में अपनी जगह बना रहा था तब ही वह दौर था जब मैक्लुहान को ख्याति मिलनी शुरू हुई।
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मैक्लुहान ने कहा था, 'अगला माध्यम जो भी हो-- शायद वह चेतना का विस्तार हो -- टेलीविजन उसका आधार होगा, न की उसके परिवेश पर आधारित होगा, और टेलेविज़न कला का एक माध्यम साबित होगा।'
मार्शल मैक्लुहान ने 1964 में आई अपनी किताब 'अंडरस्टैंडिंग मीडिया, द एक्सटेंशन ऑफ़ मैन' में लिखा है सन्देश देने का माध्यम महत्व रखता है जिसके लिए उन्होंने फ्रेज दिया था 'संदेश ही माध्यम है'।
गूगल द्वारा उनको समर्पित डूडल में उनकी थ्योरी को दर्शाया गया है। मानव इतिहास को मैक्लुहान ने 4 युगों में विभाजित किया है- ध्वनिक काल , साहित्यिक काल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक युग। डूडल में ये चारों चीजे शामिल की गयी है।
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