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कश्मीर और CAA पर बयान देकर इस देश ने अपने ही पैर पर मार ली कुल्हाड़ी, अब कर रहा भारत से दोस्ती की कोशिश

नागरिकता संशोधन कानून यानी कि सीएए पर बोलकर एक देश भारत के सामने फंस गया है. अब वो ऐसा मौका तलाश कर रहा है कि वो किसी तरह से भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने में लगा है.

Updated on: 04 Feb 2020, 12:56 PM

highlights

  • भारत ने मलेशिया के साथ बंद किया व्यापार. 
  • पॉम ऑयल की खरीद पर पूरी तरह से लगाई रोक. 
  • मलेशिया ने सीएए पर कई विवादित बयान दिए थे. 

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून यानी कि सीएए पर बोलकर एक देश भारत के सामने फंस गया है. अब वो ऐसा मौका तलाश कर रहा है कि वो किसी तरह से भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने में लगा है. दरअसल, भारत ने मलेशिया के सीएए और कश्मीर के मुद्दे पर दिए जा रहे बयानों के बाद एक कड़ा कदम उठाया जिसके बाद मलेशिया को समझ में आ गया कि भारत के खिलाफ बोलने पर उसके लिए संकट उत्पन्न हो सकते हैं. मलेशिया की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत ने मौजूदा हालातों को देखते हुए उससे पॉम ऑयल की खरीद पर रोक लगा दी गई है. भारत ने मलेशिया को लेकर ये कदम तब उठाया था, जब मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद कश्मीर मुद्दे से लेकर नागरिकता कानून को लेकर भारत की तीखी आलोचना कर रहे थे. महातिर ने नागरिकता कानून को लेकर कहा था कि यह पूरी तरह से अनुचित है. इसके अलावा विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को शेल्टर देने से भी भारत अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है.

इन चीजों को पहले तो भारत ने समझने की कोशिश की. भारत की ओर से पहले तो ऐसे बयानों के बाद पॉम ऑयल की खरीद में धीरे-धीरे कमी की गई जबकि बाद में भारत ने इस पर रोक लगा दी. हालांकि मलेशिया का मानना है कि भारत की ये रोक अस्थाई है और उसका मानना है कि भारत फिर से बहुत ही जल्दी मलेशिया के साथ व्यापार शुरू कर देगा.

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भारत ने मलेशिया के साथ केवल पॉम ऑयल की खरीद पर ही रोक नहीं लगाई है बल्कि भारत ने माइक्रो प्रोसेसर और कंप्यूटर पार्ट्स के आयात पर भी रोक लगाने की तैयारी हो रही है. हालांकि, मलेशिया को अभी भरोसा है कि भारत के साथ उसके रिश्ते फिर से अच्छे होंगे.

मलेशिया की प्राइमरी इंडस्ट्रीज़ मंत्री टेरेसा कोक ने पाम ऑयल काउंसिल के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भारत-मलेशिया के बीच दीर्घकालिक द्विपक्षीय रिश्ते हैं. ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश मौजूदा चुनौतियों से जल्द ही बाहर आएंगे. मलेशिया उम्मीद करता है कि भारत म्यूच्युअल लाभों के लिए फिर से व्यापार करेगा.

बयान में ये भी कहा गया है कि मलेशिया इस महीने से B20 बायो डीजल प्लांट शुरू करने पर भी विचार कर रहा है, जो पाम ऑयल की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने में मददगार साबित हो सकता है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले भारत में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक देश (सप्लायर) इंडोनेशिया था. हालांकि, पाम ऑयल में टैक्स घटाकर मलेशिया पिछले साल भारत का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया. भारत के साथ मलेशिया का पाम ऑयल बिजनेस वहां की जीडीपी में 2.5 फीसदी हिस्सा रखता है. ऐसे में समझा जा सकता है कि मलेशिया के लिए भारत के साथ कारोबार जारी रखना कितना अहम है.