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पाकिस्‍तान में महक केसवानी हो गई महक फातिमा, धर्मांतरण पर मचा बवाल

हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के पॉश इलाके से लापता हुई हिंदू युवती के कथित अगवा और जबरन धर्मातरण का मामला सामने आया है.

Updated on: 20 Dec 2019, 09:34 AM

कराची:

पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और बांग्‍लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित वहां के अल्‍पसंख्‍यकों को नागरिकता देने के लिए भारत में कानून बन गया है. पाकिस्‍तान इस कानून का विरोध कर रहा है, लेकिन अपने देश में धर्म के आधार पर उत्‍पीड़न नहीं रोक पा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के पॉश इलाके से लापता हुई हिंदू युवती के कथित अगवा और जबरन धर्मातरण का मामला सामने आया है. इसके खिलाफ बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं, हिंदू समुदाय के सदस्यों और युवती के परिजनों ने प्रदर्शन किया और युवती की सकुशल वापसी की मांग की. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

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महक केसवानी (20) कराची के डिफेंस हाउसिंग इलाके से 13 दिसंबर को लापता हो गई थी. सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में महक को यह कहते देखा जा सकता है कि वह किसी के दबाव में नहीं है, उसे किसी ने बंधक नहीं बनाया हुआ है और उसने स्वेच्छा से इस्लाम अपना लिया है. वीडियो में उसे यह कहते देखा जा सकता है कि उसका नया नाम महक फातिमा है.

वीडियो के मुताबिक, महक ने घोटकी जिले के धारकी में दरगाह भरचूंदी शरीफ में इस्लाम अपनाया. इस दरगाह का पीर हिंदू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के लिए कुख्यात मियां मिट्ठू है. उसके भांजे मियां जावेद ने महक को मुस्लिम बनाने की रस्म पूरी की.

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लेकिन, प्रदर्शन में शामिल महक के घरवालों ने कहा कि महक को कराची से अगवा किया गया और अब पता चल रहा है कि उसने इस्लाम अपना लिया है. उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि महक का वीडियो बयान किसी दबाव का नतीजा है. हम अतीत में धर्मातरण के ऐसे मामले देख चुके हैं। यह मामला भी जबरन धर्म पविर्तन जैसा ही लग रहा है.

एक हिंदू सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि यह कैसे हो गया कि अपहर्ता महक को कराची से सात सौ किलोमीटर दूर घोटकी ले गए और पुलिस व अन्य अधिकारियों को खबर नहीं हुई, वह भी तब जब उसके अपहरण का मामला दर्ज कराया जा चुका था.

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पूछा कि आखिर केवल युवा हिंदू लड़कियां ही क्यों इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित होती हैं? हम क्यों नहीं पाते कि अधिक उम्र की हिंदू महिलाएं यही काम कर रही हैं?

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हिंदू समाज के एक नेता राजकुमार ने कहा कि 'हम केवल इसलिए हमारे ऊपर डाले जाने वाले दबाव और धमकियों से थक चुके हैं कि हम धार्मिक अल्पसंख्यक हैं.'

प्रदर्शनकारियों ने सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ नारे लगाए. उन्होंने हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मपरिवर्तन करा उनकी शादी कराने के लिए कुख्यात मियां मिट्ठू के खिलाफ भी नारे लगाए.