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पाकिस्तान ने हाफिज सईद को बचाने के लिए उठाया बड़ा कदम, बदल दिए सुनवाई कर रहे सारे जज

पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर हाईकोर्ट (Lahore Highcourt) के मुख्य न्यायाधीश ने बुधवार को जमात-उद-दावा (Jamat-ud-Dawa) के सरगना और मुंबई हमलों के मास्टरमांइड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) की याचिका पर सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ को बदल दिया है.

Updated on: 26 Sep 2019, 06:26 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर हाईकोर्ट (Lahore Highcourt) के मुख्य न्यायाधीश ने बुधवार को जमात-उद-दावा (Jamat-ud-Dawa) के सरगना और मुंबई हमलों के मास्टरमांइड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) की याचिका पर सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ को बदल दिया है. इस मामले में हाफिज सईद ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर कर रखी है.

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संयुक्त राष्ट्र (UN) की ओर से घोषित आतंकवादी हाफिज सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. उसे 17 जुलाई को आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के एक मामले में गिरफ्तार कर कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है.

अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि लाहौर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने हाफिज सईद के मामले को न्यायमूर्ति मजहर अली नकवी और न्यायमूर्ति मुश्ताक अहमद की पीठ से न्यायमूर्ति मोहम्मद कासिम खान की अध्यक्षता वाली दो सदस्य पीठ को भेज दिया है. उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति खान की पीठ आतंकवाद से जुड़े अन्य मामलों पर भी सुनवाई कर रही है.

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न्यायमूर्ति नकवी की पीठ ने 27 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई के दौरान हाफिज सईद और जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत के 67 अन्य नेताओं की याचिका पर पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा था. पीठ ने टेरर फंडिग के मामले में सईद और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बारे में विस्तार से बताने के लिए सीटीडी के संबंधित अधिकारी को भी तलब किया था.

इस मामले में सुनवाई 25 सितंबर को होने वाली थी, लेकिन पीठ बदल दी गई. याचिकाकर्ताओं के वकील ए के दोगर ने पिछली सुनवाई में कहा था कि सईद का अलकायदा या अन्य किसी आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा था, सईद का लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-E-Taiba) से भी कोई संबंध नहीं है.