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कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्‍तान की बेशर्मी, मुंह की खाने के बाद भी बता रहा अपनी जीत

पाकिस्‍तानी मीडिया बार-बार यहीं दुहरा रहा है कि भारत ने जाधव की रिहाई की मांग की थी लेकिन उसे कोर्ट से झटका लगा है.

Updated on: 18 Jul 2019, 08:26 AM

नई दिल्‍ली:

कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में बुधवार को हेग स्थित अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय (International Court of Justice) ने अपना फैसला सुना दिया है. ICJ ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सेस की भी सुविधा देने का आदेश दिया. कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताया लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया. इसके बावजूद पाकिस्‍तान की बेशर्मी तो देखिए, वो अपनी जीत बताते हुए कह रहा है कि ICJ ने भारत की मांग खारिज कर दी. पाकिस्‍तानी मीडिया बार-बार यहीं दुहरा रहा है कि भारत ने जाधव की रिहाई की मांग की थी लेकिन उसे कोर्ट से झटका लगा है.

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कुलभूषण जाधव के मामले में 16 में से 15 जज, भारत के हक में थे. कोर्ट ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. केवल पाकिस्‍तान के जज इस फैसले के खिलाफ थे. कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा.

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उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी. इस पर पाकिस्‍तान अपनी जीत बता रहा है और वहां की मीडिया पाकिस्‍तान की जीत बता रही है. आइए जानें पाकिस्‍तान की मीडिया कुलभूषण जाधव मामले में क्‍या लिख रही है.

एक और वेब साइट ने अपनी हेड लाइन कुछ इस तरह दी है.

आईसीजे ने कहा- पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्युलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया. पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया. पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्युलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया.