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कुलभूषण जाधव मामले में भारत का साथ देकर चीन ने दोबारा दिया पाकिस्तान को बड़ा झटका

इस मामले में भारत दोतरफा जीता है. पाकिस्तान का 'ऑल वेदर फ्रैंड' चीन भी कुलभूषण जाधव मामले में भारत के सुर में सुर मिलाता नजर आया.

Updated on: 18 Jul 2019, 08:24 AM

highlights

  • कुलभूषण जाधव मामले में चीन की जज शू हैंकिंस ने भी दिया आईसीजे में भारत का साथ.
  • शू 1980 से चीन के विदेश मंत्रालय में काम कर रही हैं. आईसीजे में 2010 से हैं.
  • कई देशों के साथ चीन के द्विपक्षीय मामलों में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है.

नई दिल्ली:

कुलभूषण जाधव मामले में बुधवार को आया आईसीजे का फैसला भारत की बड़ी जीत है. हालांकि इस जीत के गहरे निहितार्थ हैं, जो भारतीय कूटनीति के बढ़ते दबदबे को नए सिरे से स्थापित करते हैं. इस मामले में भारत दोतरफा जीता है. पाकिस्तान का 'ऑल वेदर फ्रैंड' चीन भी कुलभूषण जाधव मामले में भारत के सुर में सुर मिलाता नजर आया. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र संघ में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के बाद पाकिस्तान को चीन ने यह बड़ा झटका दिया है. अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में चीन की जज शु हैंकिंस ने भी कुलभूषण जाधव मामले में भारतीय पक्ष का साथ दिया है. सीधे शब्दों में कहें तो हांकिन्स का यह मत वास्तव में भारत की कूटनीतिक जीत है.

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शू 1980 से हिस्सा हैं चीनी विदेश मंत्रालय की
गौरतलब है कि चीन की शू हैंकिंस आईसीजे की जून 2010 से सदस्य हैं. 2012 में उन्‍हें फिर से चुना गया था. इसके बाद वह 6 फरवरी 2018 को आईसीजे की उपाध्यक्ष चुनी गई थीं. शू चीन के लीगल लॉ डिवीजन की प्रमुख और नीदरलैंड में चीन की राजदूत भी रही हैं. शु ने कई अंतरराष्ट्रीय मामलों में चीन को बड़ी राहत पहुंचाने का काम किया है. पीकिंग यूनिवर्सिटी और कोलंबिया यूनीवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून की पढ़ाई करने वाली शू 1980 से चीन के विदेश मंत्रालय में काम कर रही हैं.

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अहम मसलों में निभाई मध्यस्थ की भूमिका
शू का कूटनीतिक कैरियर भी बेहद शानदार रहा है. उन्होंने कई देशों के साथ चीन के द्विपक्षीय मामलों में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है. भले ही वह ब्रिटेन के साथ हांगकांग का चीन को देने का मामला हो या युगोस्लाविया में चीनी दूतावास पर अमेरिकी बमबारी का, शू ने अपनी प्रतिभा कौशल से मामले को चीन के पक्ष में सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है. वह चीन और वियतनाम के बीच सामुद्रिक सीमा से जुड़े विवाद में भी मध्यस्थ की भूमिका निभा चुकी हैं.

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पाकिस्तान पर चीन का बदल रहा रुख
इस लिहाज से देखें तो कुलभूषण जाधव के मसले पर लगातार दूसरी बार चीन ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया है. वह भी तब जब अभी तक के इतिहास में चीन हर बार पाकिस्तान का ही पक्ष लेता आया है. फिर चाहे वह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का मसला रहा हो या फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का. अब जिस तरह से कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे में चीन ने भारत का साथ दिया है, तो इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जाएगा.